एक्शन में सीएम शिवराज, मंच से 2 अधिकारियों को किया निलंबित, बोले-गरीबों का राशन खाने वालों को छोडूंगा नहीं

भोपाल- मध्य प्रदेश के अधिकतर जिलों में बीते दिनों ओलावृष्टि से हुई गेहूं और चने की फसल के नुकसान का प्रदेशभर सर्वे किया जा रहा है। वहीं नुकसान का मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा जायजा लिया जा रहा है। शनिवार को सीएम शिवराज सिंह राजगढ़ और विदिशा के लटेरी तहसील में ओलावृष्टि प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के लिए पहुंचे। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों की लापरवाही और भ्रष्टाचार की शिकायत मिलने पर भरे मंच से 2 अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।

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दरअसल लटेरी गांव पहुंचे सीएम शिवराज ने फसल के नुकसान का जायजा लिया। इस दौरान किसानों से चर्चा करते हुए सीएम ने किसानों को उनके नुकसान की भरपाई करने का भरोसा दिलाया है। चर्चा में कहा कि आप की फसल का जितना भी नुकसान है उसका नुकसान सरकार द्वारा किया जाएगा। संकट की घड़ी में आपके साथ सरकार खड़ी है। वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भरे मंच से बरसते हुए कहा कि उन्हें राशन में अफसरों की मिलीभगत की शिकायत मिली है। इसी के चलते गरीबों को उनके हक का राशन नहीं मिल पा रहा है। सीएम ने कहा कि ग्राम कालीपीठ में राशन से संबंधित शिकायत प्राप्त हुई है फिर से कह रहा हूं कि गरीब का राशन अगर किसी ने खाया तो उसे किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। वहीं उन्होंने भरे मंच से जिला आपूर्ति अधिकारी और फूड इंस्पेक्टर को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया।

वहीं मुख्यमंत्री ने केंद्र की मोदी सरकार के द्वारा अन्न योजना का जिक्र करते हुए कहा कि हर महीने गरीबों को 5 किलो निशुल्क राशन दिया जा रहा है। वहीं कुछ जगह से शिकायत मिली है जिसमें सिर्फ एक किलो ही राशन देकर उन्हें निपटारा किया जा रहा है ऐसी स्थिति में ऐसे अधिकारियों खिलाफ धरपकड़ अभियान शुरू किया जायेगा। सीएम शिवराज ने कहा कि ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों को अब बख्शा नहीं जाएगा और प्रदेश में भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं होगा

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सीएम शिवराज ने कहा कि गेहूं सरसों और चना की फसलों का जहां 50 परसेंट से अधिक खराब हुई है वहां पर इसके मुआवजे के रूप में 30,000 प्रति हेक्टेयर के हिसाब से राशि किसानों के खाते में डाली जायेगी। वहीं कलेक्टर को निर्देश करते हुए कहा कि सभी राशन दुकानों पर सर्वे कराया जाये और अगर कही भी कालाबाजारी जैसी शिकायत मिलती है तो तुरंत ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जाये।