209 किमी.का Bundelkhand Expressway बनकर तैयार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया राष्ट्र को समर्पित, देखें तस्वीरें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के सहयोग से देश को एक के बाद एक सौगात दी जा रही है ।भारत में लगातार एक्सप्रेस वे बनाए जा रहे हैं ।वहीं जल्दी ही इलेक्ट्रिक हाईवे भी बनाया जाएगा। हालांकि उससे पहले हम आपको बता देते हैं। उत्तर प्रदेश का पांचवा एक्सप्रेसवे बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे पूरी तरह से बनकर तैयार हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा 16 जुलाई यानी शनिवार को इसे राष्ट्र को समर्पित करेंगे। वहीं इस एक्सप्रेस के उद्घाटन की तैयारी भी पूरी हो गई है।

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पीएम आज देंगे बुंदेलखंड को सौगात

इस समय देशभर में एक्सप्रेसवे बनाया जा रहा है। इसके अलावा कई राज्यों को जोड़ा जा रहा है। ऐसे में अगर हम बात करें देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश की तो यहां पर पांचवा एक्सप्रेस में बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे पूरी तरह से बनकर तैयार हो चुका है। कैथेरी गांव से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे का उद्घाटन करेंगे। 16 जुलाई शनिवार को सुबह 11:30 को प्रधानमंत्री इसका उद्घाटन करेंगे। जालौन की उरई तहसील कैथेरी गांव में कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शिरकत करेंगे। बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का शिलान्यास 19 फरवरी 2020 को हुआ था।

28 महीने में बनाकर कर दिया तैयार

बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे की खास बात आपको बता देते हैं। इसे बनाने में 28 महीने का वक्त लगा था। 209 किलोमीटर का यह एक्सप्रेसवे हैं और इसे बहुत कम समय में बना दिया गया है। इस एक्सप्रेस-वे को बनाने में सरकार की तरफ से करीब 14, 850 करोड़ की लागत आई है। जानकारी मिली है कि इस एक्सप्रेस-वे को भविष्य में 6 दिन तक बढ़ा दिया जाएगा ।बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे चित्रकूट के भरतकूप से इटावा के कुदरेल तक है। इटावा में आगरा लखनऊ एक्सप्रेसवे से मिला बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे है।

इन 7 जिलो को मिलेगा लाभ

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश के 7 जिलों से होकर निकला है। इसमें हमीरपुर, जालौन, महोबा ,बांदा, चित्रकूट, औरैया और इटावा शामिल है। 200 किलोमीटर का यह बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे चित्रकूट से दिल्ली की यात्रा महज 6 घंटे में पूरी करवा देगा, जबकि पहले 12 घंटे का वक्त लगता था। 6800 करोड़ के निवेश से बुंदेलखंड की तस्वीर बदली है। जहां 50 निवेश प्रस्तावों में ढाई सौ करोड़ की लागत से 25 से अधिक इकाइयों पर उत्पादन हो रहा है। इसके अलावा यहां पर टाइगर रिजर्व डिफेंस काली डोर समेत कई योजनाएं संचालित हो रही है। इसके अलावा यहां पर 9:00 एक औद्योगिक और संस्थागत एमओयू भी साइन किए हैं।

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