मध्यप्रदेश में लापरवाही और भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई, इन जिलों में सचिव-लिपिक समेत 3 निलंबित, इन्हें थमाया नोटिस

मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार भ्रष्टाचारियों के खिलाफ लगातार एक्शन में नजर आ रही है और भ्रष्ट अधिकारियों पर निलंबन की कार्रवाई कर रही है। एक बार फिर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के आदेश के बाद कई जिलों में भ्रष्ट अधिकारियों पर निलंबन की कार्रवाई की गई है। अशोकनगर जिले के ईसागढ़ के ग्राम पंचायत पारसोल के ग्राम प्रधान और सचिव के खिलाफ सख्त एक्शन लेते हुए निलंबित कर दिया है।

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3 अलग-अगल जिलो में हुई अलग-अलग कार्रवाई

बताया जा रहा है कि प्रधान उमा देवी यादव को पद से अलग करने के साथ ही प्रधान सचिव चंपालाल को निलंबित कर दिया गया है। शिकायत मिली है कि इन्होंने 2 दो निर्माण कार्य कराए बिना ही 7 लाख 23 हजार रुपये निकाल लिए है। जिसके बाद इनकी शिकायत सही साबित होने के बाद इनके खिलाफ कार्रवाई की गई है।

वहीं दूसरा मामला सागर जिले के ग्राम पंचायत में देखने को मिला जहां नाली निर्माण के साथ ही पुलिया का निर्माण कराया जा रहा था जहां पर निर्माण कार्य में उपयंत्री के द्वारा बड़ी लापरवाही बरती जा रही थी जिस पर सख्त एक्शन लेते हुए कलेक्टर ने नोटिस जारी कर दिया है। अब कलेक्टर के दिए नोटिस का उपयंत्री राजकुमार साहब के और भानु प्रताप बोकोलिया को 21 फरवरी तक नोटिस का जवाब देना है।

वहीं तीसरी कार्रवाई शिवपुरी जिले में की गई है जहां सरस्वती विद्यापीठ परीक्षा केंद्र में शुक्रवार को भारी अनियमितताएं देखने को मिली। दसवीं का पेपर चल रहा था इस दौरान छात्रों द्वारा उत्तर पुस्तिका की जगह प्रश्नपत्र टेबल पर छोड़ कर चले गए जब उत्तर पुस्तिका नहीं मिली तो आनन-फानन में छात्रों को ढूंढा गया। 1 घंटे के बाद काफी बरामद की गई इस लापरवाही के बाद डीईओ ने सख्त एक्शन लेते हुए सीएस और एसीएस को नोटिस जारी कर जल्द ही जवाब मांगा है। वहीं इस मामले में डीयू श्रीवास्तव द्वारा माध्यमिक शिक्षा आमिर मोहम्मद सिद्दीकी को निलंबित कर दिया गया इसके साथ ही सहायक केंद्र अध्यक्ष को नोटिस जारी करते हुए 5 दिन के अंदर जवाब देने की बात कही गई है।

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