147 साल बाद पूर्वजों की तलाश में दक्षिण अफ्रीका से मध्यप्रदेश पहुंचा परिवार, इस गांव में परदादा की याद में बनवाया स्कूल

इस दुनिया में कई तरह के लोग होते हैं जो अपने परिवार के लिए बहुत कुछ कर जाते हैं। आज हम आपको एक ऐसे परिवार के बारे में बताने जा रहे हैं जो 147 साल बाद दक्षिण अफ्रीका से मध्य प्रदेश के भिंड जिले पहुंचा है। इस परिवार की चौथी और पांचवी पीढ़ी ने अपनी पूर्वजों की याद में स्कूल बनवा दिया है। ऐसे ही कुछ दिनों पहले एक व्यक्ति ने अपनी सारी संपत्ति दान कर दी ।ऐसे में अब इस परिवार में अपने पूर्वजों की याद में स्कूल बनाया है जिसमें अब बच्चे शिक्षा हासिल करेंगे।

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147 साल बाद मध्यप्रदेश लौटा ये परिवार

वो कहते हैं ना कि दुनिया में कहीं भी जा सकते हैं देश की भूमि याद रखना ही पड़ती है। मनुष्य का जन्म कहीं और होता है, लेकिन अपने जीवन को चलाने और पेट पालने के लिए उस जन्मभूमि को भी छोड़ना पड़ता है, लेकिन कई बार परिस्थिति ऐसी भी बन जाती है कि हमें वापस उसी ही जन्मभूमि पर जाना पड़ता है। ऐसे में अब हम आपको जिस परिवार के बारे में बता रहे हैं वहां मध्य प्रदेश के भिंड जिले का है, लेकिन अभी तक वहां दक्षिण अफ्रीका में रह रहा 147 साल बाद यह परिवार अपनी जन्मभूमि में पहुंचा है। ऐसे में उन्होंने अपने पूर्वजों की याद में भिंड जिले में स्कूल भवन का औपचारिक उद्घाटन किया है जिस परिवार ने इस स्कूल का निर्माण किया ।वहीं दक्षिण अफ्रीका में रहता है और विशेष रूप से स्कूल को खोलने के लिए भिंड आया था।

1875 में खेतों में काम करने गया था परिवार

दरअसल यह परिवार सिंधु देव महाराज का परिवार है जो अपने पुत्र और परिवार के साथ 147 साल बाद अपने पैतृक गांव भगवंतपुरा लौटे है। दक्षिण अफ्रीका के एक परिवार ने कि स्कूल बनवाया और 1875 में खेतों में काम करने चला गया। दक्षिण अफ्रीका से आए परिवार के सदस्यों ने कहा वेअथेर विकास खंड स्थित भगवंतपुरा गांव के पूर्व निवासी प्रेम राज महाराज के बंसज से 1875 में वे और उनका परिवार दक्षिण अफ्रीका के गन्ने के खेतों में काम करने के लिए प्लासी गए थे बाद में वही पर बस गए।

पूर्वजों की याद में बने स्कूल का उद्घाटन

हालांकि सिंधु महाराजा के परिवार ने लंबे समय तक अपनी जड़े मांझी जानकारी जुटाने के बाद उन्हें पता चला कि उनके दादा प्रेमराज महाराज और पूर्वज मध्यप्रदेश के भिंड जिले में स्थित गांव भगवंत पुर के रहने वाले थे ।उनका परिवार 147 साल बाद अपने पैतृक गांव पहुंचा और कुछ लोगों की मदद से अपने परदादा की याद में स्कूल बनवाया। शनिवार को जिला प्रशासन शिक्षा विभाग और भिंड कलेक्टर की मौजूदगी में स्कूल का उद्घाटन भी करवाया ।कलेक्टर भिंड में भी स्वस्थ होने की कामना करते हुए प्रसन्नता व्यक्त की है।

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