2 साल बाद परंपरागत मार्ग से निकलेगी सवारी, इस स्वरूप में भक्तों को दर्शन देंगे बाबा महाकाल, रात 12 बजे से लगी है भक्तों की कतार

देशभर में 14 जुलाई से भगवान भोलेनाथ के प्रिय महीने सावन की शुरुआत हो चुकी है। 18 जुलाई यानी सोमवार को भगवान भोलेनाथ पालकी में सवार होकर अपने भक्तों को दर्शन देने के लिए भ्रमण पर निकलेंगे। वहीं मध्य प्रदेश की विश्व प्रसिद्ध नगरी उज्जैन में महाकालेश्वर मंदिर में भगवान भोलेनाथ का श्रंगार किया गया। रात 12:00 बजे से ही भस्मा आरती के लिए भक्त लाइन में आकर खड़े हो गए। तड़के 2:30 को महाकाल मंदिर के पट खोले गए। 3:00 बजे भगवान महाकालेश्वर का जलाभिषेक दही ,दूध और पंचामृत से हुआ। इसके बाद भांग और सूखे मेवे से महाकाल का श्रृंगार किया गया इसके बाद सुबह 4:00 बजे भस्मा आरती की गई।

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आज मनमहेश स्वरूप में दर्शन देंगे महाकाल

मध्य प्रदेश के विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में सावन माह में भगवान महाकाल भक्तों को दर्शन देने के लिए भ्रमण पर निकलते हैं ।सावन माह में महाकालेश्वर मंदिर में बाबा के भक्तों का हुजूम उमड़ता है। भस्म आरती के लिए वक्त रात 12:00 बजे से ही लाइन में खड़े हो गए। बाबा महाकाल का भस्म आरती के दौरान भांग, चंदन, सिंदूर और आभूषणों से राजा के रूप में श्रृंगार किया गया और मस्तक पर तिलक और सिर पर शेषनाग का रजत मुकुट धारण किया गया। बाबा महाकाल की सवारी शाम 4:00 निकाली जाएगी। जिसमें आज बाबा महाकाल श्री मनमहेश के रूप में भक्तों को दर्शन देने पालकी में विराजित होकर निकलेंगे।

परंपरागत रूट से निकलेगी बाबा की सवारी

भगवान महाकाल की इस सवारी में शामिल होने के लिए दूरदराज से भक्त पहुंचते हैं। 2 साल बाद परंपरागत रूट से बाबा महाकाल की सवारी निकाली जाएगी। महामारी के दौर में बाबा महाकाल की सवारी पिछले साल बदले हुए रूट से निकाली गई थी। इस बार परंपरागत मार्ग से ही बाबा महाकाल पालकी में सवार होकर भक्तों को दर्शन देने के लिए भ्रमण पर निकलेंगे ।इस दौरान दूर दराज से पहुंचे भक्त बाबा महाकाल की एक झलक पाने के लिए उत्साहित हैं।

इन मार्गों से भ्रमण पर निकलेंगे बाबा महाकाल

भगवान महाकाल की पालकी महाकाल मंदिर से शुरू होकर महाकाल रोड, गुदरी चौराहा, बक्सीबाजार का हर बाड़ी से होकर राम घाट पहुंचेगी, जहां शिप्रा नदी के जल से भगवान का जलाभिषेक और पूजन अर्चन के बाद वापस सवारी रामानुज कोट ,मोड की धर्मशाला, कार्तिक चौक खाती का मंदिर, सत्यनारायण मंदिर और छतरी चौक समेत कई जगह से होते हुए पुन: महाकाल मंदिर प्रस्थान करेगी। इस दौरान बम बम भोले नाथ और बाबा महाकाल की जयघोष चारो और सुनाई देंगी।

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जानिए कब और ​किस स्वरूप में दर्शन देंगे महाकाल

बाबा महाकाल की सवारी पांच सोमवार निकाली जाएगी। जिसमें भगवान महाकाल अलग अलग स्वरूप में भक्तों को दर्शन देंगे। पहली सवारी 18 जुलाई सोमवार को निकाली जा रही है। जिसमें भगवान महाकाल मनमहेश के स्वरूप में भक्तों को दर्शन देंगे। दूसरी सवारी 25 जुलाई को निकाली जाएगी। जिसमें बाबा महाकाल चंद्रमौलेश्वर के स्वरूप में पालकी में सवार होकर भक्तों को दर्शन देंगे। तीसरी सवारी 1 अगस्त को निकाली जाएगी। जिसमें चंद्रमौलेश्वर हाथी पर मन महेश गरुड़ रथ पर शिव तांडव स्वरूप विराजित होंगे।

चौथी सवारी 8 अगस्त को पालकी में चंद्रमौलेश्वर हाथी पर मन महेश जरूरत पर शिव तांडव स्वरूप और नंदी रथ पर उमामहेश विराजित होंगे। पांचवी सवारी 15 अगस्त को निकाली जाएगी। जिसमें बाबा महाकाल चंद्रमौलेश्वर हाथी पर मन महेश रथ पर शिव तांडव स्वरूप नंदी रथ पर उमा महेश और ढोलक पर होलकर स्टेट का मुखारविंद रहेगा। इसके अलावा 22 अगस्त को बाबा महाकाल की शाही सवारी निकाली जाएगी।