आखिर पाकिस्तान में क्यों हो रही अटल बिहारी वाजपेयी की तारीफ, वजह जानकर आप भी रह जायेंगे दंग

इन दिनों पाकिस्तान में सियासी घमासान मचा हुआ है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान अपनी कुर्सी बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। उनकी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर शनिवार को वोटिंग होने से पहले शुक्रवार को इमरान खान ने पाकिस्तान की जनता को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने पाकिस्तान जनता के सामने भारत की जमकर तारीफ की है। प्रधानमंत्री इमरान खान ने भारत की तारीफ में कसीदे करते हुए कहा कि भारत को खुद्दार मुल्क बताया है। दरअसल इससे पहले भी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान भारत की तारीफ कर चुके हैं। इतना ही नहीं उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई की भी जमकर तारीफ की है।

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इमरान खान ने भारत की जमकर की तारीफ

दरअसल शनिवार को इमरान खान सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग होनी है। कई दिनों से इमरान खान अपनी कुर्सी बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन शनिवार 9 अप्रैल को वोटिंग होना है। इससे देखने वाली बात यह होगी इमरान खान अपनी कुर्सी बचा पाने में कितने कामयाब होते है। शुक्रवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान भारत की जमकर तारीफ की। इमरान खान ने पाकिस्तान की जनता को संबोधित करते हुए कहा कि भारत खुद्दार देश है। इतना ही नहीं इमरान खान ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई की भी जमकर तारीफ की है। ऐसा एक बार नहीं हुआ कई बार इमरान खान भारत की तारीफ कर चुके है।

वहीं पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा भारत की तारीफ करने पर अब पूर्व पीएम नवाज शरीफ की बेटी मरियम नवाज ने ट्वीट किया है। मरियम नवाज खान ने ट्वीट करते हुए प्रधानमंत्री इमरान खान के लिए लिखा.. अगर इमरान खान को पाक भारत इतना ही पसंद है तो वहीं शिफ्ट क्यों नहीं हो जाते है। इसके साथ ही उन्होंने आगे लिखा.. जिस भारत की प्रधानमंत्री इमरान खान तारीफ कर रहे है। उस भारत में भी कई प्रधानमंत्रियों के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का इतिहास रहा है, लेकिन किसी ने भी संविधान लोकतंत्र से खिलवाड़ नहीं किया है। वहीं दूसरे ट्वीट में उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई की तारीफ की है। लिखा..एक वोट से बाजपाई हारे और घर चले गए। आप की तरह देश संविधान और जनता को बंधक नहीं बनाया गया है।

जानिए कैसे गिरी थी एक वोट पर सरकार

हम आपको बताते हैं एक दौर ऐसा भी था जब भारत ने 3 प्रधानमंत्री देखे थे। दरअसल बात 1996 की है जब पीवी नरसिम्हा राव की सरकार थी। 1998 तक भारतीय राजनीति में काफी उथल-पुथल देखने को मिली थी। इसके बाद मध्याविधि चुनाव में भाजपा को 182 सीटें मिली । इसके बाद भाजपा ने अकाली दल, समता पार्टी, एआईएडीएमके, शिवसेना और बीजू जनता दल के साथ मिलकर सरकार बना ली थी। हालांकि समर्थन लेकर बनी सरकार ज्यादा नहीं चल पाई और एआईएडीएमके ने समर्थन वापस ले लिया जिससे सरकार अल्पमत में चली गई।

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इसी उथल—पुथल के बीच 17 अप्रैल 1999 को संसद में बहुमत पेश करना था। बीजेपी के नेता नंबर जुटाने में लगे थे। वहीं प्रमोद महाजन और लालकृष्ण आडवाणी ने 5 सांसदों वाली बसपा को अपने पाले में मिला लिया था, लेकिन शरद पवार और मायावती ने भाजपा की रणनीति को फेल कर दिया। वोटिंग में सरकार को सिर्फ 259 पर वोट मिले जिसके बाद अटल बिहारी वाजपेई सरकार 1 वोट से गिर गई। इसी तरह से भारत सरकार की 1 वोट से गिरने वाली सरकार कहलाने लगी थी। इसी तरह का पैंतरा अब पाकिस्तान में इमरान खान अपनी सरकार को बचाने के लिए खेल रहे हैं, लेकिन विपक्षी पार्टियां काफी दमखम दिखा रही है।