टाइगर के बाद अब एलिफेंट स्टेट बनेगा मध्यप्रदेश, इन 4 जिलों में बनाया गया है सेफ कॉरिडोर

मध्य प्रदेश को इस समय टाइगर स्टेट का दर्जा प्राप्त है, लेकिन जल्दी ही अब एलीफेंट टूरिज्म प्लेस बनाने की तैयारी की जा रही है। दरअसल यह पहला मौका 100 साल बाद आया है जब हाथी की मध्यप्रदेश में वापसी हो पाई है। इससे पहले हाथी मध्यप्रदेश की सीमा में आकर घूम फिर कर वापस चले जाते हैं। साल 2022 में यह देखने में आया है कि हाथियों ने मध्यप्रदेश को अपने रहने का ठिकाना पूरी तरह से बना लिया है। अब इनकी सुरक्षा के लिए वन विभाग अनूपपुर, सिंगरौली, सीधी ,शहडोल समेत कई जगह सुरक्षित कॉरिडोर बनाने की तैयारी में लगी है।

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2007 से मध्यप्रदेश में हाथियों का प्रवेश शुरू

एक रिपोर्ट के अनुसार 2007 से हाथियों ने छत्तीसगढ़ से मध्य प्रदेश में प्रवेश करना शुरू किया था। बारिश की वजह से कुछ समय रुक कर वहां वापस चले जाते थे, लेकिन अब मध्यप्रदेश में अधिक सुरक्षित उन्हें लगने लगा है। यही कारण है कि अब झारखंड, छत्तीसगढ़ और ओडिशा के जंगलों में खनन बढ़ने की वजह से अब इन हाथियों का रुख मध्यप्रदेश की ओर मुड़ गया और वहां अब अपने लिए मध्यप्रदेश में सुरक्षित स्थान तलाश रहे हैं। मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार पहले ही घोषणा कर चुकी है अब मध्य प्रदेश को टाइगर स्टेट के बाद एलीफेंट स्टेट बनाने की कैटेगरी में पहुंच गए और बांधवगढ़ में हाथियों का कुनबा बढ़ाने की कोशिश की जा रही है।

जानिए कितनी है हाथियों की संख्या

इस समय बांधवगढ़ में हाथियों का कुनबा फिलहाल 50 हैं। इसके अलावा संजय गांधी उद्यान में 10 हाथी मौजूद है। मध्यप्रदेश में जैसे-जैसे हाथियों की आवाजाही शुरू हुई है कई जगहों को अपना ठिकाना बनाना भी शुरू कर दिया है ।केंद्र की मोदी सरकार ने प्रोजेक्ट एलीफेंट में मध्यप्रदेश को शामिल करते हुए प्रारंभिक तौर पर 1500000 रुपए आवंटित कर दिए हैं ।वही राशि पर्याप्त नहीं होने की वजह से केंद्र और राज्य सरकार से अतिरिक्त राशि की मांग की जा रही है।इस राशि की मांग गांव के लोगों में हाथी के प्रति प्रचार प्रसार और जागरूकता लाने के लिए की गई है।

मध्य प्रदेश को टाइगर स्टेट के बाद एलीफेंट स्टेट बनाने की कवायद जोरों से चल रही है ।ऐसे में अब मध्य प्रदेश के अगर इन 4 दिनों में सेफ कॉरिडोर बन जाएगा तो यहां पर हाथी आराम से रह पाएंगे और टाइगर के बाद अब मध्य प्रदेश एलीफेंट स्टेट के नाम से भी पहचाना जाएगा।

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