बैंकों में रुपए जमा करने वालें ग्राहकों की बल्ले बल्ले, त्योहारों से पहले जमा दरों में कर दी भारी बढ़ोतरी
बैंक ग्राहकों के लिए आरबीआई की तरफ से बहुत ही अच्छी खबर सामने आई है। बैंकों के द्वारा ग्राहकों की जमा राशि में बढ़ोतरी करने के लिए क्रेडिट आपका समर्थन किया जा सके। बैंकिंग प्रणाली में तरलता कम हो गई है। जमा दरों में बढ़ोतरी भारतीय रिजर्व बैंक की अगस्त की मौद्रिक नीति में रेपो रेट दर है। संजय अग्रवाल वरिष्ठ निदेशक ने बताया कि वृद्धि से बैंकों को त्योहारी सीजन के दौरान लोन की मांग को पूरा करने में काफी सहायता मिलेगी। बैंकों की लोन बढ़ोतरी दोहरे अंकों में बनी हुई है। इससे आसानी से जमा वृद्धि को पीछे छोड़ रही है जबकि लोन वृद्धि जारी है।
जानिए एसबीआई का एफडी पर ब्याज
दरअसल बैंकों की तरफ से लगातार जमा पूंजी के ब्याज में बढ़ोतरी की जा रही है। भारतीय स्टेट बैंक केयर एस द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार 180 दिनों से 210 दिनों के बीच परिपक्व होने वाली जमा पर अपनी जमादार को 4.40 प्रतिशत से बढ़ाकर 4.55 प्रतिशत कर दिया गया है। सभी ग्राहकों के लिए एसबीआई ने एफडी पर ब्याज दरों में भी 15 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की 1 वर्ष की बात करें तो थोक जमा दरों में 25 से 50 आधार अंकों की बढ़ोतरी हुई है। अधिक समय से दरों में 75 से 125 आधार अंकों की बढ़ोतरी की गई है।
जानिए एसबीआई ग्राहकों को कितना मिल रहा फायदा
जिन लोगों ने बैंकों में एफडी करा रखी है उन लोगों को काफी फायदा होने वाला है। एसबीआई के तरफ से जमा पूंजी पर अधिक ब्याज मिल रहा है। अगर आप भी एसबीआई के ग्राहक हैं तो आपके लिए भी यह खबर अच्छी है। एसबीआई ने अपनी एफडी की दर में 15 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी कर दी है। इंडियन ओवरसीज बैंक ने खुदरा संबंधी जमाव के लिए जमा दरों में 444 दिनों और 3 साल और उससे अधिक की अवधि के लिए 10 आधार अंकों की बढ़ोतरी कर दी है। इंडियन बैंक और पंजाब नेशनल बैंक ने भी अपनी जमा दरों में 5 से 15 आधार अंकों की बढ़ोतरी कर दी है।
निजी क्षेत्र में एचडीएफसी बैंक ने अगस्त में 5 करोड रुपए से अधिक सावधि जमा पर ब्याज दरों में लगभग 15 आधार अंकों की बढ़ोतरी की थी ।कोटक महिंद्रा बैंक ने 20000000 तक की जमा राशि के लिए चुनिंदा कार्यकाल के लिए दरों में 15 आधार तक की बढ़ोतरी कर दी है ।ऐसे में जिन लोगों ने इन बैंकों में एफडी करा रखी है उन लोगों को काफी फायदा मिलने वाला है। आरबीआई की तरफ से रेपो रेट बढ़ाने के बाद बैंकों को भी अपने एफडी की ब्याज दरों में बढ़ोतरी करना पड़ रही है।