मध्यप्रदेश का नेत्रहीन युवा बना संगीतकार, फ़िल्म राज का डर में दिया संगीत, अपनी योग्यता से किया क्षेत्र का नाम रोशन

होना किसी की पहचान का मोहताज नहीं होती कड़ी मेहनत करने वाले अपने जीवन में अपार सफलता को प्राप्त करते हैं ऐसी कई कहानियां और किससे अब तक हमने सुनी और देखे हैं आज हम आपको कुछ ऐसे ही एक ऐसे नेत्रहीन युवा संगीतकार से रूबरू करवाने जा रहे हैं। जिन्होंने अपनी मेहनत और अपनी लगन के दम पर पूरे मध्यप्रदेश का नाम रोशन किया है। बता दें कि इंदौर के महु तहसील की ग्राम पंचायत दतौदा के निवासी युवा विजय पांचाल ने 14 अक्टूबर को रिलीज हुई फिल्म राज डर का में संगीत देकर एक नई सफलता की कहानी रच दी है। अपने जुनून और प्रतिभा को दिखाकर सबको आश्चर्य में डाल दिया है। दतौदा निवासी युवा विजय पांचाल नेत्रहीन है। विजय ने अपनी इस कमजोरी को अवसर में बदल दिया है। विजय का दिया संगीत फिल्म जगत में सबको आश्चर्य में डाल रहा है जब एक नेत्रहीन युवा ने पूरी फिल्म का संगीत संजो दिया।

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Vijay Panchal Music Composer 1

बता दें कि इस फिल्म के निर्देशक लखन गौड ने बताया कि दतौदा गांव के विजय पांचाल को म्यूजिक अरेंजमेंट और म्यूजिक क्रिएशन में बचपन से ही महारत हासिल है। नेत्रहीन होने के बावजूद विजय ने कंप्यूटर सीखा और कंप्यूटर की मदद से म्यूजिक भी तैयार किया। विजय बहुत बढ़िया पियानो प्लेयर है जिसे देखकर अपनी आंखों पर ही विश्वास नहीं होता है। विजय का सारा काम एक विशेष सॉफटवेयर की मदद से होता है। इस सॉफ्टवेयर को चलाने के लिए विजय को मॉनिटर की भी जरूरत नहीं पड़ती है।

म्यूजिक क्रिएशन में महारत हासिल

गौरतलब है कि विजय का सारा काम केवल कीबोर्ड और स्पीकर की आवाज से ही हो जाता है। विजय केवल कंप्यूटर के बटन की आवाज पर ही निर्भर है आवाज सुनकर विजय समझ लेता है कि कंप्यूटर में कौन सा फंक्शन एक्टिव है और कंप्यूटर को क्या कमांड देना है। इस अद्भुत प्रतिभा के साथ म्यूजिक का अद्भुत ज्ञान विजय में है। अपनी प्रतिभा से विजय पांचाल ने अपने परिवार और इंदौरवासियों को गौरवान्वित महसूस करा दिया है। विजय ने दिखा दिया कि शरीर की कमजोरी के बाद भी सफलता प्राप्त की जा सकती है।

Vijay Panchal Music Composer 4

वही फ़िल्म के बारे में बताते हुए कहा कि ये उनकी पहली फ़िल्म है जिसमे जनता का अच्छा समर्थन मिला है। वहीं इस फ़िल्म में अधिकतर युवा कलाकार इंदौर क्षेत्र से ही जुड़े है ताकि अपने क्षेत्र के युवाओं को भविष्य के लिए निखारा जा सके। फिल्म राज का डर पूरे भारत मे प्रसारित की जाएगी। फ़िल्म ‘राज डर का’ का पूरा म्यूजिक विजय पांचाल ने ही तैयार किया, गाने भी उन्होंने संगीत की कर्ण प्रिय धुनों से सजाएं है और पार्श्व संगीत भी उन्होंने है तैयार किया है। केवल फ़ाइनल संगीत फ़िल्म की टाइम लाइन पर एडिटर ने जमाया है।

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फ़िल्म ‘राज का डर’ एक ऐसी युवती की कहानी है, जो तमाम विपरीत हालातों के बावजूद अपनी जिंदगी को एक मुकाम तक लेकर जाती है और दूसरों की प्रेरणा बनती है, महिला सशक्तिकरण के साथ ही इस फिल्म के माध्यम से अंध-श्रद्धा, जादू-टोने, तंत्र-मंत्र जैसी कुरीतियों पर भी करारा प्रहार किया है। फ़िल्म की शूटिंग इंदौर, माण्डव, तिंछा फॉल एवं आसपास के रमणीय स्थलों पर की गई। फिल्म में आयान कपूर, जागृति शेल्के, प्रवीण पुरोहित आदि कलाकारों ने कार्य किया।

बनाया पूरी फिल्म का म्यूजिक

विजय पांचाल ने बताया कि अभी मंजिल काफी दूर है । मेरा सपना जिस दिन पूरा होगा जिस दिन मैं फिल्म जगत के बड़े सितारे अक्षय कुमार,अजय देवगन आदि की फिल्मों में अपना संगीत दूंगा । उस दिन मेरा जीवन का सबसे खूबसूरत दिन रहेगा । मैंने अभी इस फ़िल्म के साथ, 400 के आसपास गानों, 250 भजनों व 20 वेब सीरीज में काम कर चुका हूं। बता दें कि विजय के पिता फर्नीचर का कार्य करते है । विजन की आँखे 12 साल की उम्र में ही चली गई थी। कई डाक्टरों से इलाज करवाने के बाद भी विजय की आँखे ठीक नही हो सकी।

विजय को बचपन से पियानों बजाने का शोक था। पहले पिता ने एक छोटा पयानो ला कर दिया जिसके बाद लगातार सीखने पर बड़ी पियानो लगाने की जरूरत पड़ी मगर इतने महंगे स्टूमेंट लाने की पैसे नही थे, परंतु क्षेत्र के राकेश यादव व अन्य नागरिको ने मिलकर स्टूमेंट व कम्यूटर खरीद कर दिया जिससे विजय ने आगे की शिक्षा प्राप्त की। विजय ने अपने हौसले और अपने सास के दम पर अपने पूरे क्षेत्र का नाम रोशन कर दिया है बता दें कि उनकी इस कामयाबी के बाद से ही उनके काफी चर्चे हो रहे हैं गांव वालों ने भी उनका काफी सहयोग किया है।