मध्यप्रदेश के इस जिले में किसानों की चमकी किस्मत, गेहूं की फसल का व्यापारी दे रहे अच्छा भाव, सरकारी केंद्रों पर पसरा सन्नाटा
मध्यप्रदेश में सोमवार से 37 जिलों में समर्थन मूल्य पर किसानों की गेहूं खरीदी का काम शुरू हो गया है। किसानों को गेहूं की फसल समर्थन मूल्य पर बेचने के लिए स्लॉट बुक कराना होगा। इसके बाद ही वहां फसल बेच पाएगा, लेकिन इसी बीच मध्य प्रदेश के खरगोन जिले से एक बड़ी खबर सामने आई है, जहां किसानों को सरकारी खरीदी केंद्रों के बजाएं खुली मंडी के व्यापारी गेहूं के अच्छे दाम दे रहे हैं जिसकी वजह से किसान काफी खुश नजर आ रहे है। खरगोन में मंडी व्यापारी किसानों को 2500 से लेकर 3000 रुपये तक दाम में गेहूं खरीद रहे हैं।
किसानों का कहना है की सरकारी के खरीदी केंद्रों पर जो दाम मिलने चाहिए वह नहीं मिल पा रहे हैं। इससे अच्छे दाम तो खुली मंडी में व्यापारियों द्वारा दिए जा रहे हैं। यहां 2500 से 3000 रुपये तक गेहूं खरीदे जा रहे हैं जिससे किसानों में काफी खुशी नजर आ रही है। वहीं उनका कहना है समर्थन मूल्य में गेहूं बेचने के लिए पहले स्लॉट बुक कराना होता है। इसके साथ ही बारिक गेहूं को अलग करना पड़ता है। जिससे किसान असंतुष्ट नजर आ रहे हैं। वहीं इस परेशानी के बिना किसानों को बाहर मंडी में अच्छे दाम व्यापारी दे रहे जिसकी वजह से सरकारी गेहूं उपार्जन केंद्रों पर सन्नाटा पसरा पड़ा है।
गेहूं उपार्जन केंद्रों पर पसरा सन्नाटा
दरअसल खरगोन में सोमवार से समर्थन मूल्य पर सरकार के द्वारा किसानों के गेहूं खरीदी शुरू हो गई है, लेकिन सुबह से गेहूं खरीदी केंद्र पर सन्नाटा पसरा पड़ा है। एक भी किसान यहां गेहूं बेचने के लिए नहीं पहुंचा। इसी बीच गणेश मार्केटिंग खरीदी केंद्र के प्रबंधक संजय रघुवंशी ने बताया कि इस उपार्जन केंद्र पर 300 किसानों का भोपाल से पंजीयन था, लेकिन अभी तक किसी भी किसान ने इस केंद्र पर गेहूं बेचने के लिए स्लॉट बुक नहीं कराया है ना ही अभी तक कोई किसान पहुंचा है।
उनका कहना है कि किसान को मंडी व्यापारी अच्छा भाव दे रहे हैं जिसकी वजह से किसान व्यापारियों को खुले में गेहूं बेच रहे हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सरकार ने समर्थन मूल्य पर गेहूं के दाम 2015 रुपये तय किए हैं लेकिन व्यापारियों को किसान 2500 से ज्यादा भाव दे रहे हैं जिसकी वजह से किसान व्यापारियों को ही गेहूं बेच रहे हैं।
खुली मंडी में किसानों को मिल रहा अच्छा भाव
वहीं खरगोन के किसानों का कहना है कि सरकार समर्थन मूल्य में जितना मूल्य उन्हें चाहिए उतना नहीं दे पा रही है। इसकी वजह से किसान असंतुष्ट नजर आ रहे हैं। वहीं सरकारी गेहूं खरीदी केंद्रों पर सन्नाटा पसरा पड़ा है। किसानों का कहना है कि गेहूं की फसल का दाम 2500 से 3000 रुपये चाहिए। सरकारी केंद्रों से अच्छे दाम तो व्यापारी दे रहे हैं ।इसकी वजह से किसान भी व्यापारियों के पास गेहूं बेचने में ज्यादा भरोसा कर रहे हैं।