महिला स्व-सहायता समूहों को सीएम शिवराज ने दी सौगात, एक साथ खाते में ट्रॉन्फर किए 300 करोड़ रुपये

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को राजधानी भोपाल में राज्य आजीविका मिशन के सहायता से चल रहे स्वयं सहायता समूहों के खाते में 300 करोड़ रुपये ट्रांसफर किया है। इस दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश में महिला सशक्तीकरण का यज्ञ चल रहा है। नर्मदा जयंती के मौके पर नर्मदा नदी को बचाने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बड़ा ऐलान किया है। सीएम शिवराज सिंह ने कहा कि अगर नर्मदा नदी को हमें बचाने के लिए नर्मदा के किनारे प्राकृतिक खेती को लेकर सरकार अभियान चलाने जा रही है।

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नर्मदा को संवारने के लिए सीएम ने की अपील

सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा यह काम अकेले सरकार नहीं कर सकती बल्कि लोगो को आगे आना होगा। साथ ही नर्मदा को संवारने के लिए सीएम ने प्रत्येक नागरिक से नर्मदा नदी के किनारे एक-एक पेड़ लगाने की अपील की है। सीएम ने कहा कि नर्मदा प्रदेश की जीवन रेखा है। नर्मदा से लोगों को पेयजल, सिचाई से लेकर बिजली मिलती है। इसलिए नर्मदा को बचाने के लिए हमें हर सम्भव आगे आना होगा। मंगलवार को राजधानी भोपाल में हुए इस भव्य कार्यक्रम में प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ.प्रभुराम चौधरी, जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट सहित बड़ी स्वयं सहायता समूह की महिलाएं मौजूद रही।

इस मौके पर मुख्यमंत्री से संवाद करते हुए देवास जिले की रुबीना ने कहा कि राज्य आजीविका मिशन ने उनका जीवन बदल दिया है। वहीं धार जिले की ममता सुनगौरा ने बताया कि 2015 में वह आजीविका मिशन से जुड़ी और आज ब्यूटी पार्लर और साड़ी दुकान से करीब 25-30 हजार रुपए प्रति महीना कमाती है। शिवराज सरकार ने 40 लाख से अधिक ग्रामीण गरीब परिवार को इस योजना से जोड़ा है जिसमें साढ़े 3 लाख समूहों से जोड़कर वित्तीय सहायता दी है इस में अभी तक 2 हजार 762 करोड़ रुपये बैंक लोन दिलाया गया है।

एक वक्त था जब वह मजदूरी करती थीं। आजीविका मिशन से जुड़ने के बाद वह गांव-गांव जाकर कपड़ा बेंचती हैं और लगभग 30 हजार रुपए महीने की कमाई कर रही हैं। रुबीना ने बताया कि सबसे पहले उन्होंने बैरागढ़ से 5000 रुपए कपड़ा लाकर अपने गांव में बेचा व फिर धीरे-धीरे दूसरे गांव तक अपनी पहुंच बनाई। पहले वह गठरी बांधकर पैदल ही गांव-गांव जाती थीं, लेकिन आज वह मारुति वैन में अपनी दुकान सजाकर गांव-गांव कपड़ा बेचती हैं।

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