Madhya Pradesh: पिता ने कर्ज लेकर पढ़ाया बेटे ने UPSC में प्रथम स्थान लाकर उतारा कर्ज, ऐसी है राजीव दैपुरिया की कहानी

Rajeev Daipuriya UPSC Topper: अगर आपने कुछ कर गुजरने की दृढ़ इच्छाशक्ति है तो संसाधनों की कमी आपको पीछे नहीं रख सकती। यह उच्च विचार हैं भिंड जिले के रहने वाले राजीव दैपुरिया (Rajeev Daipuriya) के जिन्होंने कठिन परिस्थितियों में सिविल सर्विसेज की परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। राजीव दैपुरिया भिंड जिले के एक छोटे से गांव छपार से ताल्लुक रखते हैं और आज दूसरों के लिए एक मिसाल बने हैं। उन्होंने कहा कि आपकी राह में कितनी भी मुश्किल है क्यों ना जाए आपको अपने लक्ष्य से भटकना नहीं है।

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Rajeev Daipuriya

राजीव दैपुरिया की प्रारंभिक परीक्षा भिंड क्षेत्र से ही हुई थी जिसके बाद उन्होंने नौकरी करते हुए इंजीनियरिंग सर्विसेज की तैयारी की। राजीव बताते हैं कि इस तैयारी में उन्हें कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा क्योंकि नौकरी के साथ पढ़ाई करना वैसे भी मुश्किल होता है। आपको अपनी नौकरी पर भी पूरा समय देना होता है जिस वजह से पढ़ाई के लिए समय कम होता है। राजीव कहते हैं कि नौकरी और पढ़ाई के साथ घर वालों से बात करना भी मुश्किल रहा लेकिन फिर भी बिना हताश हुए मैं अपने लक्ष्य के लिए बढ़ता रहा।

संसाधनों के आभाव में हासिल की सफलता

राजीव बताते हैं कि उन्होंने सेल्फ स्टडी करके यह सफलता प्राप्त की है जिसमें ऑनलाइन स्टडी मटेरियल का काफी सहयोग मिला। इन सभी संसाधनों को एकत्रित करके उन्होंने अपने खुद के नोट्स बनाएं और अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए निरंतर मेहनत करते रहे। हालांकि इस दौरान उन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ा जैसे कि कभी उनकी तबीयत खराब हो गई तो कभी उन्हें समय नहीं मिला। राजीव यही सोचकर अपने शरीर और जीवन की हर परेशानी को भूल कर कुछ करने के लिए प्रेरित रहे कि उन्हें इंजीनियरिंग सर्विसेज में प्रथम स्थान हासिल करके भिंड क्षेत्र और माता-पिता का नाम रोशन करना है।

राजीव के साथ उनके परिवार ने भी काफी संघर्ष के साथ उनके इस लक्ष्य को पाने के लिए सहयोग दिया है। राजीव बताते हैं कि उनके पिता रघुराज दैपुरिया ने उनकी पढ़ाई के लिए लाखों का कर्ज लिया है ताकि वह संसाधनों को प्राप्त कर पाए। रघुराज दे पुरिया बताते हैं कि उनके बेटे की लगन कमजोर ना हो इसलिए उन्होंने हर संभव सहयोग उसे दिया है और जिसे सफलता प्राप्त कर उसने पूरा किया है। रघुराज दैपुरिया का सरकार से यह आग्रह है कि राशन के साथ-साथ सरकार को शिक्षा की व्यवस्था भी निशुल्क करनी चाहिए जिससे हर जाति और वर्ग के बच्चे शिक्षित हो सके। अगर हर बच्चा और जाति शिक्षित होगी तो सरकार को फ्री में राशन बांटने की जरूरत ही नहीं रहेगी।

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