इंदौर के गोल्डमैन Bunty yadav का आईडिया, अब गोल्ड पहनकर लोगों को खिलाएंगे गोल्ड वर्क की कुल्फी
Indore Goldman Banty yadav : मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी और देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर में खाने-पीने के शौकीनों के लिए एक और अच्छी खबर सामने आई है। दरअसल इंदौर में गोल्ड वर्क वाली कुल्फी खाने को मिलेगी। सराफा बाजार में स्थित कुल्फी फालूदा बेचने वाले गोल्डमैन बंटी यादव ने इसका ट्रायल भी शुरू कर दिया है। आपने कुल्फी तो बहुत खाई है लेकिन गोल्ड वर्क वाली कुल्फी अब आपको पहली बार खाने को मिलेगी। बंटी 2 किलो सोने के आभूषण पहनकर कुल्फी दुकान पर आते हैं इसलिए उन्हें गोल्डमैन कहते हैं।
गोल्डमैन बनायेंगे गोल्ड वर्क वाली कुल्फी
इंदौर का सराफा बाजार यूं तो हर जगह खाने के लिए विख्यात है आज हम कुल्फी और फालूदा बेचने वाले गोल्डमैन बंटी यादव के बारे में बताने जा रहे हैं जो कि अब लोगों के लिए गोल्ड वर्क वाली कुल्फी लेकर आ रहे हैं। इसका ट्रायल शुरू कर दिया है। इंदौर का सराफा बाजार घूमने आने वाले फॉरेन के लोग भी उनकी कुल्फी के दीवाने हैं।
इस वजह से बनाएंगे गोल्ड वर्क वाली कुल्फी
सराफा बाजार के नाइट चौपाटी पर बंटी यादव रात को दुकान लगाते हैं और देर रात तक कुल्फी फालूदा बेचते हैं। वैरायटी इतनी अच्छी है कि सभी हैरान रह जाते हैं। कहते हैं मुझे इतना गोल्ड पहने हुए देख कई बार लोगों ने कहा कि गोल्ड वर्क की कुल्फी क्यों नहीं बनाते हो, इसलिए अब मैंने गोल्ड वर्क वाली कुल्फी बनाना शुरू किया है। उम्मीद है कि दीपावली के बाद लोगों को गोल्ड वर्क की कुल्फी का आंनद भी मिल जाएगा।
इन फ्लैवर की बनाते है कुल्फी
उनका कहना है कि वहां शुरुआत में केसर पिस्ता कुल्फी बनाते थे। बिजनेस बड़ा हुआ तो उन्होंने जामुन, काजू, मलाई, काजू, गुलकंद, चॉकलेट, शुगर फ्री, मैंगो, सीताफल की कुल्फी बनाना शुरू कर दिया। पान की कुल्फी को पान के पत्तों से तैयार करते हैं। इसके अलावा फालूदा भी बनाते हैं। इनकी कीमत 50 रुपए से लेकर सही फालूदा 110 रुपए तक जाती है।
फॉरेन के लोग भी है कुल्फी के दिवाने
उन्होंने आगे बताया कि कस्टमर को रोजाना फ्रेस माल ही खिलाते हैं। बासी माल बेचने का किसी भी तरह का मन नहीं करता है। उन्होंने कहा कि खुद का मन बासी चीज को खाने का नहीं करता तो दूसरों को कैसे खिला सकते हैं। हम अपनी क्वालिटी से कोई समझौता नहीं करते। यहां छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक आते हैं। यहां तक कि फॉरेन के लोग भी कुल्फी का आनंद लेने पहुंचते हैं।