अपनी टू-व्हीलर में कराएं बस ये काम 130km तक होगा माइलेज, पेट्रोल पंप के दर्शन से मिलेगा छुटकारा

देश के अधिकतर शहरों में इस समय पेट्रोल की कीमत 100 रुपए से ऊपर है। ऐसे में आम जनता को वाहन चलाना काफी महंगा पड़ रहा है, लेकिन टू व्हीलर चलाने वाले लोगों के लिए अच्छी खबर सामने आई है। इस समय देखा जाए तो एक्टिवा, मेस्ट्रो ,जूपिटर जैसे कई स्कूटर है जो 40 से 45 मिलीलीटर का माइलेज देती है। अनपापुलर मॉडल्स को इलेक्ट्रिक में बदलने की तैयारी की जा रही है। अगर आप से भी कहा जाए कि इसी स्कूटर को चलाने का खर्च प्रति किलोमीटर महज 70 पैसे होगा, लेकिन आप इस पर विश्वास नहीं करेंगे।

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इन स्कूटरों में महज इतने रुपए में लगेगी सीएनजी कीट

अगर आपके पास होंडा एक्टिवा, मेस्ट्रो, सुजुकी एक्सेस, टीवीएस जूपिटर या कोई दूसरा स्कूटर है, लेकिन यह स्कूटर आपके माइलेज कम दे रहे हैं तो आप इसका माइलेज बढ़ा सकते हैं, लेकिन आपको इसके वैरीअंट में कुछ चेंज करना होगा। अगर आपके पास में यह स्कूटर हैं तो इसमें सीएनजी किट लगवाना पड़ेगी। दिल्ली स्थित सीएनजी किट मेकर कंपनी लोवाटा ने इस स्कूटर में इस किट को लगवा सकते है। इसका खर्च करीब 18000 रुपए आता है। कंपनी ने यह दावा किया है कि इस खर्च को आप 1 साल से भी कम समय में निकाल लेंगे, क्योंकि सीएनजी और पेट्रोल की कीमतें में अभी 40 रुपए का अंतर है।

4 घंटे में इंस्टॉल होगी सीएनजी किट

स्कूटर में सीएनजी किट इंस्टॉल करने में करीब 4 घंटे का समय लगेगा, लेकिन इसे पेट्रोल से भी अधिक दौड़ाया जा सकेगा। इसके लिए कंपनी एक्सक्यूज लगाती है जिससे सीएनजी मोड से पेट्रोल मोड पर आ जाता है। कंपनी इसमें आगे की तरफ दो सिलेंडर लगाती है। जिसे ब्लैक प्लास्टिक से कवर कर दिया जाता है। सीट के नीचे हिस्से में से ऑपरेट करने वाली मशीन फिट हो जाती है। यानी एक्टिवा को सीएनजी और पेट्रोल दोनों से चला सकते हैं। एक्टिवा पर सीएनजी से जुड़ी कुछ ग्राफिक भी लगा सकते हैं।

जानिए सीएनजी लगाने के नुकसान-फायदें

हालांकि आपको यह लग रहा होगा सीएनजी किट लगाने से कुछ नुकसान होता है तो पहला यह है कि इस किट में जो सिलेंडर लगाया जाता है वहां 1.2 किलोग्राम सीएनजी को स्टोरेज करता है। ऐसे में जब 120 से 130 किलोमीटर के बात आपको फिर से सीएनजी की आवश्यकता पड़ेगी। सीएनजी स्टेशन आसानी से नहीं मिलते हैं तो 10.15 या अधिक किलोमीटर की दूरी पर हो तो सीएनजी भले ही स्कूटर का माइलेज बढ़ जाएगा ,लेकिन इससे गाड़ी को पिकअप नहीं मिलता है। ऐसे में चढ़ाई वाले रास्ते पर इससे गाड़ी के इंजन पर लोड पड़ेगा।

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