मध्यप्रदेश में 12 दिन में ही सफल हो गई मुहिम, शहडोल बना ऐसा पहला संभाग, जहां स्कूल बैग का भार हुआ आधा

छत्तीसगढ़ की तर्ज पर मध्य प्रदेश में भी बच्चों के बैग में वजन को कम करने के लिए एक पहल शुरू की गई थी। इस पहल का असर मध्यप्रदेश के शहडोल संभाग में देखने को मिला है, जहां पर कक्षा पहली से लेकर 12वीं तक के सरकारी और निजी स्कूलों के बैग का वजन आधा हो गया ।इस मामले में शहडोल संभाग के कमिश्नर राजीव शर्मा ने शिक्षा विभाग के साथ मिलकर 1 अगस्त से इस मुहिम को शुरू किया था। 12 अगस्त को स्कूली बच्चों के देख हल्के हो गए हैं।

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इस मुहिम से 10 फीसदी कम हुआ वजन

दरअसल छत्तीसगढ़ में देखा जाता है कि शनिवार के दिन बच्चों को बिना देखते स्कूल बुलाया जाता है। हर दिन देखा जाता है कि बच्चों की पीठ पर उनके वजन से अधिक वजन हो जाता है ।ऐसे में सरकार की तरफ से अब मध्य प्रदेश में इस मुहिम को शुरू किया गया है ।इसका असर मध्यप्रदेश के शहडोल संभाग में देखने को मिला है, जहां पर सरकारी और निजी स्कूलों के बच्चों का बैग का वजन आधा हो गया है। केंद्र के मोदी सरकार ने 2022 में पॉलिसी लागू की जिसमें बच्चों के वजन से 10 फ़ीसदी से अधिक बैग का भार होना चाहिए। शिवराज सरकार ने इसके लिए कवायद शुरू की लेकिन शहडोल ही ऐसा जिला निकला जहां पर यह सफलता मिली थी।

स्कूलों में निरीक्षण के बाद मुहिम लाई रंग

शहडोल संभाग के कमिश्नर राजीव शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि उन्होंने टीम बनाकर हर सरकारी और निजी स्कूलों में लोगों को भेजा। बच्चों को स्कूल में बुलाकर देख तो ले गए और तय मापदंडों से दो से तीन गुना बजनी थे प्राचार्यों को हिदायत देने के बाद स्कूलों का निरीक्षण किया गया ।लगातार मुहिम के बाद असर यह हुआ कि अब बच्चों के बैग में वजन 10 फ़ीसदी से कम हो गया है।

स्वतंत्रता दिवस पर इसकी घोषणा की जा सकती है। सरकारी स्कूल में प्री प्राइमरी के बच्चों के बैग नहीं है, लेकिन निजी स्कूलों में उनके बैग का वजन 1 से 2 किलो था जो बैंक रहित हो गए हैं। निजी स्कूलों में जो बैग 4 से 8 किलो तक थे, उन्हें 5 किलो तक ला दिया गया है ऐसे में यहां पर सरकार की तरफ से चलाई गई मुहिम का असर सीधे तौर पर देखा जा रहा है।

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