देश का पहला सरकारी स्कूल जहां बच्चों को लाने और छोड़ने के लिए चलती है बस, प्रशासन देती है किराया
मध्यप्रदेश में शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के लिए लगातार प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान जोर देते हुए नजर आ रहे हैं। बता दें कि सरकारी स्कूलों में तमाम सुविधाओं को मुहैया करवाने को लेकर और अच्छी शिक्षा बच्चों को देने के चलते मध्य प्रदेश में कई स्थानों पर सीएम राइस स्कूल की स्थापना की गई है। जिनमें शिक्षित सर मैडम द्वारा बच्चों को शिक्षा दी जा रही है। बता दें कि इन स्कूलों को काफी हाईटेक बनाया गया है यहां पर बच्चों को हर तरह की सुविधा मिलने वाली है।
लेकिन आपने देखा होगा कि सरकारी स्कूलों में बच्चे अपने साधन से ही चलकर आते हैं और वापस शिक्षा लेकर चले जाते हैं। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे स्कूल के बारे में बताने जा रहे हैं जहां पर बच्चों को लाने और ले जाने के लिए बस चलाई जा रही है यहां सराहनीय पहल उज्जैन के सीएम राइज शासकीय हायर सेकंडरी स्कूल महाराजवाड़ा क्रमांक-3 मैं चलाई जा रही है। बताया जाता है कि यहां पहल लोगों को काफी ज्यादा पसंद आ रही है और बच्चे भी स्कूल आने को लेकर काफी ज्यादा रुचि दिखा रहे हैं।
यह हैं बस सुविधा की मुख्य शर्तें
बता दें कि यहां स्कूल महाकाल क्षेत्र में मौजूद है आपने पहले कभी नहीं देखा होगा कि किसी सरकारी स्कूल द्वारा बच्चों को लाने और ले जाने को लेकर बस चलाई गई हो यह पहली ऐसी पहल है जिसे लोगों ने काफी ज्यादा पसंद किया है इतना ही नहीं इन बस में बच्चों को लाने और ले जाने के लिए काफी सुविधाएं और उनकी सुरक्षा का भी ध्यान रखा गया है बता दें कि इस बात का जो भी किराया है वहां प्रशासन द्वारा ही दिया जाना है जो कि प्रति छात्र ₹1000 तय किया गया है।
गौरतलब है कि इस बस के माध्यम से 3 से 15 किलोमीटर तक के बच्चों को लाया और वापस छोड़ा जाता है। इस पहल के बाद से प्रशासन और भी स्कूलों में इस तरह की सुविधा मुहैया करवाने को लेकर जोर दे रहा है। सीएम राइस स्कूल के माध्यम से एक ही स्कूल में पहली से 12वीं तक की शिक्षा को लेकर जोड़ दिया जा रहा है। वहीं सरकारी स्कूलों में शिक्षा के स्तर को और भी ज्यादा सुधारने को लेकर इसकी शुरुआत की गई है जो कि मुख्यमंत्री सीएम शिवराज सिंह चौहान का ड्रीम प्रोजेक्ट है।
अगले चरण में बढ़ेगी बस सुविधा
जानकारी के अनुसार इन बस में बच्चों की सुरक्षा को लेकर भी कड़े इंतजाम किए जाना है जिसमें फायर सेफ्टी से लेकर महिला कंडक्टर तक सब कुछ मौजूद रहेंगे। इतना ही नहीं इस पहल के बाद छात्रों के माता-पिता भी काफी ज्यादा खुश हैं और बच्चों को भी काफी हद तक राहत मिल चुकी है जहां दूर-दूर से बच्चे साइकिल और अलग-अलग वाहनों से स्कूल तक पहुंचते थे उन्हें अब घर से ही बस द्वारा ले लिया जाता है जो कि एक सराहनीय पहल है। बता दें कि पहले आपने कभी नहीं सुना होगा कि सरकारी स्कूलों में भी बच्चों को लाने और ले जाने के लिए बस का संचालन किया गया हो।