ड्रोन इंडस्ट्री का हब बनने की और अग्रसर भारत, स्वच्छ शहर इंदौर में शुरू हुआ कमाल का नवाचार

भारत में तकनीक का काफी इस्तेमाल होने लगा है और भविष्य में तकनीक का बोलबाला रहेगा। खेती किसानी से लेकर अब चिकित्सा के क्षेत्र में भी तकनीक का उपयोग काफी बढ़ गया है। दरअसल देश के सबसे स्वच्छ शहर और मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी मां अहिल्या की नगरी इंदौर में पहली बार ड्रोन को लेकर नवाचार किया जा रहा है। जिससे अब ड्रोन की मदद से मरीजों के रक्त के सैंपल को घर से लैब पहुंचाया जाएगा। यहां ड्रोन करीब 5 किलो तक वजन उठा सकेगा जिसमें करीब 500 सैंपल एक साथ लैब भेजे जायेंगे।

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2023 तक देश बनेगा ड्रोन इंडस्ट्री का हब

दरअसल भविष्य तकनीकी से भरा रहेगा केंद्र की मोदी सरकार के द्वारा साल 2030 तक देश को ड्रोन इंडस्ट्री का हब बनाया जाएगा। इसको लेकर अब लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। खेती किसानी से लेकर स्वास्थ्य में भी अब ड्रोन का इस्तेमाल किया जाएगा। इसका नवाचार इंदौर में शुरू हो गया है जिसमें इस ड्रोन की मदद से लोगों का ब्लड उनके घर से आसानी से लैब भेजा जा सकेगा।

एक साथ 500 सैंपल लैब ले जायेगा ड्रोन

इंदौर के लैब संचालक डॉ. विनीता कोठारी ने जानकारी देते हुए बताया कि जल्द ही लोगों के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए कैंप लगाया जाएगा जिसमें ब्लड सैंपल ड्रोन की मदद से लैब पहुंचाए जाने की कवायद शुरू की जाएगी। यहां ड्रोन एक बार में करीब 5 किलो तक वजन वजन उठा सकता है और 5 किलो के बॉक्स को करीब 500 सैंपल लैब ले जाने में सक्षम होगा।

पीएम ने दिखाई 100 ड्रोन को हरी झंडी

वहीं देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को करीब 100 किसानी ड्रोन को हरी झंडी दिखाई है। यह ड्रोन खेती किसानी में कीटनाशकों और अन्य सामग्री का छिड़काव करने के काम आएंगे। इसको लेकर पीएम मोदी ने कहा कि देश में ड्रोन स्टेटस बढ़ रहे हैं और इसे बड़े पैमाने पर लाया जाएगा जिससे अधिक से अधिक रोजगार पैदा होंगे और वहीं देश में बड़े पैमाने पर खेती की जा सकेगी ।वहीं सरकार ड्रोन खरीदने वाले किसानों को इस पर सब्सिडी भी देगी।

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आपकी जानकारी के लिए बता दें कि केंद्र की मोदी सरकार ने बीते साल ड्रोन नीति पेश की थी इसमें नई ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट खोलने की तैयारी भी की जा रही है। उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही भारत ड्रोन का हब बनेगा और इसमें तकनीक का इस्तेमाल अधिक से अधिक किया जाएगा। भविष्य को देखते हुए अभी ड्रोन इंडस्ट्री अरबों डालर की है एडवाइजरी अमेरिका, चीन का दबदबा है जिसमें इंडस्ट्री करीब 28 बिलियन डालर से अधिक है। वहीं इसमें भारत 1 बिलियन डालर के करीब है। भारत में ड्रोन हब बनने के बाद भविष्य में अधिक से अधिक खेती भी होगी और कहीं पैदावार होने के साथ ही रोजगार भी पैदा होंगे और स्वास्थ्य सुविधा में भी काफी मदद मिलेगी।