भारतीय रेलवे ने लिया बड़ा फैसला, खत्म कर दी ये 114 साल पुरानी व्यवस्था, जानें क्या है पूरा मामला

भारतीय रेलवे कई तरह के नियमों में बदलाव करने के साथ ही कई तरह के इनोवेटिव और बोल्ड फैसले लेने में लगा है। इसी बीच भारतीय रेलवे ने 114 साल पुरानी प्रशासनिक व्यवस्था बदल दी है। जिसमें आठ केडरो का विलय कर एक सेवा बना दी गई है। इसका नाम भारतीय रेल मैनेजमेंट सर्विस है इसे कैबिनेट ने पहले ही मंजूरी दे दी थी और यहां नोटिफाई भी हो गया है। इसके साथ ही 70 वर्षों से चली आ रही इनके दलों के बीच की लॉबिंग भी खत्म कर दी गई है। इसके अलावा रेलवे ने आईआरएमएस के अंडर 36 पदों का विलय कर दिया है।

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रेलवे ने इन कैडरों को किया खत्म

इस मामले में रेलवे ने कहा कि अब इससे अधिकारियों के बीच डिपार्टमेंट खत्म हो गया है। भारतीय रेलवे ने 114 साल पुरानी प्रशासनिक व्यवस्था खत्म कर दी गई है। जिसके अनुसार अब मैकेनिक इलेक्ट्रिकल, यातायात, लेखा भंडारण, सिग्नल इंजीनियरिंग, टेलीकॉम के कैडर को खत्म कर दिया है। इन सभी कैडर के अधिकारी और मैनेजमेंट सर्विस के अधिकारी कहलाएंगे।

इसके अलावा 70 साल से चली आ रही इनके कैडरों के बीच लॉबिंग भी खत्म हो गई है। भारतीय रेलवे का कहना है कि एक सिस्टम आ जाने की वजह से अब लॉबिंग सिस्टम भी खत्म हो गया है। रेलवे का कहना है कि केंद्र की मोदी सरकार के द्वारा पहली बार भारतीय रेल ने अपनाया गया है। उनका कहना है कि प्रमोशन और समय सीनियरिटी की जगह ईक्यू सिस्टम में काम करेगा। बता दें कि ईक्यू सिस्टम अधिकतर विकसित देशों के पब्लिक सेक्टर में प्रचलित है।

इतने पदों का हो गया विलय

वहीं इस 114 साल पुरानी प्रशासनिक व्यवस्था को खत्म करने से रेलवे बोर्ड चेयरमैन और बोर्ड के मेंबर सहित 36 पद पर रेलवे मैनेजमेंट सर्विस में विलय हो गया है। रेलवे मंत्रालय की तरफ से मिली जानकारी के अनुसार इस तरह का फैसला अधिकारियों के बीच डिपार्टमेंटलिज्म को खत्म करने के लिए लिया गया है। जानकारी में बताया कि इन 36 पदों में से 7 पद बोर्ड स्तर के होंगे। वहीं बचे 29 पद महाप्रबंधक स्तर के शामिल है।

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