भारत की 5-6 साल में बढ़ेगी रक्षा शक्तियां, बना लेंगे ध्वनि से 5 गुना क्षमता की हाइपरसोनिक मिसाइल, PAK-चीन की हालत हो जाएगी पस्त

रूस अमेरिका जापान यह देश आर्थिक स्थिति में मजबूत होने के साथ ही हथियारों के मामले में भी मजबूत है। सुरक्षा की दृष्टि से कहे तो इन देशों के पास कई हथियार हैं। जिनसे अगर इनके ऊपर किसी तरह का हमला हो जाए तो फिर सामने वाले देश को परास्त करने की शक्ति रखते हैं। ऐसे में भारत का अपने पड़ोसी देश पाकिस्तान से हमेशा विवाद चलता रहता है। भारत अब अपनी शक्तियों को बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। अगर रूस यू्क्रेन की बात करें तो इनका युद्ध अभी भी नहीं थमा है। ऐसे में इन दोनों देशों के पास रक्षा क्षमता बहुत अधिक है। जिसकी वजह से युद्ध नहीं थम पा रहा है। यहीं वजह है कि अगर देश के पास सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम रहे तो फिर किसी भी महाशक्ति से मुकाबला कर सकते हैं।

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5 साल में भारत के पास होगी हाइपरसोनिक मिसाइल

दरअसल भारत अपनी शक्तियों को और मजबूत करने के इरादे से काम कर रहा है। ब्रह्मोस एयरोस्पेस भारत और रूस की ज्वाइंट वेंचर इस डिफेंस ज्वाइंट वेंचर ने यह दावा किया है कि वहां अब हाइपरसोनिक मिसाइल बना पाने में सक्षम हो चुका है। इस दावे के साथ होने के बाद भारत के पास 5 साल के बाद में खुद का हाइपरसोनिक मिसाइल होगा।जिससे भारत की रक्षा क्षमता और भी बढ़ जाएगी। यानी कि अगर भारत किसी दूसरे देश से टकराता है तो खड़ा रहकर सामना कर पाएगा ।अभी देखा जाता है कि पड़ोसी देश पाकिस्तान कभी भी सीजफायर उल्लंघन करता है, लेकिन भारत के पास में इतने मजबूत हथियार हैं कि वहां मुंहतोड़ जवाब देता है।

सीईओ मिस्टर अतुल राणा ने दी ये जानकारी

अगर भारत की बात करें तो 1947 में आजाद हुआ था। 75 साल बीत जाने के बाद अब भारत की शक्तियां भी बढ़ने लगी है। भारत के पास सुरक्षा के कई तरह के इंतजाम मौजूद भारत रूस जॉइंट वेंचर एयरोस्पेस बम उसने 2022—23 के लिए सिल्वर जुबली ईयर को शुरू किया है। इस मामले में ज्वाइंट वेंचर ब्रह्मोस के एमडी सीईओ मिस्टर अतुल राणा ने कहा कि ब्रह्मोस एयरोस्पेस अब हाइपरसोनिक मिसाइल बनाने की तैयारी में लगा हुआ है। उनका कहना है कि 5 साल में भारत के पास खुद का हाइपरसोनिक मिसाइल होगा।

80 हेक्टेयर जमीन में बनेगा मैन्युफैक्चरिंग सेंटर

उनका कहना है कि 2023 में 12 फरवरी को ब्रह्मोस दिवस के रूप में खत्म होगा। आजादी के सिल्वर जुबली वर्ष का कार्यक्रम पर्व के दौरान कई बैठक के राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न आयोजन और कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इसी मिशन के तहत ब्रह्मोस एयरोस्पेस को उत्तर प्रदेश में नए मैन्युफैक्चरिंग सेंटर को स्थापित करने के लिए 80 हेक्टेयर की भूमि प्रदान की गई है जो कि उन्हें 300 करोड़ के प्रारंभिक निवेश पर मिली है ।2024 तक नई सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए सभी मैन्युफैक्चरिंग से संबंधित कार्य को पूरा किया जाएगा।

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जानिए हाइपरसोनिक मिसाइल की खासियत

अगर हम हाइपरसोनिक मिसाइल की खासियत के बारे में बात करें तो यहां उड़ान 5 मैक से भी अधिक होती है। अगर सामान्य तौर पर बात करें तो इस मिसाइल का साउंड स्पीड से भी 5 गुना अधिक तेज गति से दुश्मनों पर हमला कर सकती है। इसके अलावा ध्वनी की स्पीड वायु में 332 मीटर पर सेकंड होती है। अभी तक यह मिसाइल चीन रूस अमेरिका जैसे विकसित देशों के पास में है, लेकिन जल्दी ही भारत के पास में यह मिसाइल आ जाएगी। यह हर एक भारतीय के लिए गर्व का विषय है।