मध्यप्रदेश ओबीसी महासभा ने किया बड़ा ऐलान, इस दिन इस वजह से प्रदेश रहेगा बंद, बीजेपी-कांग्रेस को लेकर कहीं ये बात

मध्यप्रदेश में आगामी समय में होने वाले नगरी निकाय और पंचायत चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद तैयारी शुरू हो गई है, लेकिन अभी भी चुनाव में 27% आरक्षण का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट के द्वारा ओबीसी आरक्षण खत्म होने के मामले में आदेश पारित होने के बाद अब ओबीसी महासभा सत्तारूढ़ भाजपा सरकार व कांग्रेस के खिलाफ मुखर हो गई है। हालांकि राज्य निर्वाचन आयोग की तरफ से मध्य प्रदेश में चुनाव की तैयारी को लेकर निर्देश दे दिए गए हैं। वहीं इस बार पंचायत चुनाव 3 चरण और नगरी निकाय चुनाव दो चरणों में संपन्न करवाए जाने की बात कहीं गई है।

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21 मई को मध्यप्रदेश बंद का लिया फैसला

दरअसल पंचायत चुनाव और नगरी निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण के मामले में सुईं लटकी हुई है। ऐसे में ग्वालियर जिले में ओबीसी की राष्ट्रीय कोर कमेटी की बैठक आयोजित की गई जिसमें 21 मई को मध्यप्रदेश बंद करने का फैसला लिया गया है। इस बैठक में ओबीसी महासभा को कमेटी के पांच प्रमुख सदस्य मौजूद रहे। वहीं राजधानी दिल्ली के प्रदेश अध्यक्ष वीसी बघेल भी इस दौरान शामिल रहे। इस बैठक में ओबीसी आरक्षण को 27% आरक्षण देने देने पर चर्चा की गई है।

बीजेपी-कांग्रेस के टिकट देने पर उठाये सवाल

इस दौरान राष्ट्रीय कोर कमेटी की बैठक के बाद महासभा के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष होने कई तरह के फैसले लिए जिसमें उन्होंने कहा कि कोर्ट में जज कोलोसियम सिस्टम से बैठे हुए हैं । वहीं कुठाराघात कर रहे हैं जबकि ओबीसी का रिजर्वेशन खत्म हो चुका है और कांग्रेस बीजेपी अभी भी कह रही है कि ओबीसी के प्रतिनिधियों को टिकट देंगे। इस दौरान ओबीसी महासभा के नेताओं ने सवाल उठाते हुए कहा कि ऐसे में पाटिया आखिर पंच सरपंच को कैसे टिकट देगी। अगर बीजेपी कांग्रेस को नेताओं को टिकट देना ही है तो लोकसभा में कानून बनाकर हमें संवैधानिक दर्जा दिया जाए।

इसके साथ ही उन्होंने मोदी और शिवराज सरकार पर कई तरह के सवाल उठाते हुए हमला बोला है। उनका कहना है कि केंद्र में मोदी और मध्य प्रदेश में शिवराज सरकार नाम पर वोट दिया था और आखिरी डबल इंजन की सरकार ओबीसी महासभा को रिजर्वेशन दिलवाने में कहां फेल हो गई। बहरहाल इस बैठक में 21 मई को पूरा मध्य प्रदेश बंद करने का आह्वान किया है। ऐसे में अब देखना यह होगा कि आगामी समय में इस पर और इस तरह का फैसला लिया जाता है।

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