MP में हिंदी में होगी MBBS की पढ़ाई, इस कॉलेज से होगी शुरूआत, मंत्री विश्वास सारंग ने दी ये जानकारी

मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार शिक्षा नीति में कई तरह के बदलाव कर रही है। गणतंत्र दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एमबीबीएस और इंजीनियर की पढ़ाई हिंदी में कराने की बात कही थी। जिसके बाद अब इसकी कवायद तेज हो गई है। गुरुवार को मध्य प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने हिंदी में एमबीबीएस की पढ़ाई कराने को लेकर गणित हिंदी पाठ्यक्रम उच्च समिति की बैठक आयोजित की है। दरअसल हिंदी में एमबीबीएस की पढ़ाई कराने वाला देश का पहला राज्य मध्य प्रदेश बन जाएगा।

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गांधी मेडिकल कॉलेज में होगा हिंदी में MBBS

मध्य प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने एमबीबीएस और इंजीनियर की पढ़ाई हिंदी में कराने को लेकर गुरुवार को राजधानी भोपाल में गठित हिंदी पाठ्यक्रम उच्च समिति की बैठक आयोजित की। इस दौरान उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर मध्यप्रदेश में हिंदी में मेडिकल की पढ़ाई शुरू की जाए इसके बाद इसे बेहद पैमाने पर लागू करने की कवायद शुरू होगी। सबसे पहले इसे राजधानी भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज शुरू किया जाएगा।

आगामी 2 माह में शुरू होगा नया सत्र

मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधा जल्द ही बेहतर होगी और इसको लेकर काफी प्रयास किए जा रहे हैं। हेल्थ सर्विसेज सिस्टम के जरिए स्वास्थ सुविधाओं को दुरुस्त किया जाएगा। बता दें कि मध्य प्रदेश में एमबीबीएस की पढ़ाई हिंदी में हो इसको लेकर आगामी 2 माह में नया सत्र शुरू होने वाला है। जिसमें चिकित्सा शिक्षा निदेशक डॉ. जितेंद्र शुक्ला के नेतृत्व में 14 सदस्य टीम गठित कर दी गई है जो हिंदी में मेडिकल की पढ़ाई कराने को लेकर योजना तैयार करेगी।

हिन्दी में MBBS कराने वाला पहला राज्य बनेगा एमपी

आपकी जानकारी के लिए बता दें मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग गठित कमेटी के विशेष सदस्यों से मुलाकात की थी। इस दौरान उन्होंने एमबीबीएस की पढ़ाई हिंदी में कराने को लेकर चर्चा की ।इसके बाद से ही इसकी तैयारियां तेज हो गई है। अब देश का मध्य प्रदेश पहला राज्य बन गया है जहां एमबीबीएस की पढ़ाई हिंदी में कराई जा रही है।

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इसमें एक रूपरेखा तैयार की गई जिसके अंतर्गत 2 महीने एमबीबीएस के छात्रों को हिंदी में और 2 महीने अंग्रेजी में पढ़ाया जाएगा। वहीं अगले चरण की बात करें एनाटॉमी बायोकेमेस्ट्री जैसे विश्व की किताबों हिंदी में प्रकाशित की जाएगी। जिससे बच्चों को पढ़ने में आसानी होगी।