500 किसान यूनियनें ‘कुकुरमुत्ता’ की तरह सामने आ गई: कृषि मंत्री कमल पटेल

सरकार द्वारा लाए जा रहे हैं नए कृषि कानून के विरोध में किसानों द्वारा पिछले 20 दिनों से दिल्ली बॉर्डर पर आंदोलन किया जा रहा है। और किसान कृषि बिल को वापस लेने के अपने फैसले पर डटे हुए हैं। लेकिन सरकार का कहना है कि यह बिल किसानों की हित के लिए बनाया गया है जिन्हें वापस नहीं लिया जाएगा।

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वहीं अब किसान आंदोलन को लेकर राजनीति भी गरमा गई है बता दें कि केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा लगातार यह आरोप लगाया जा रहा है कि किसान राजनीतिक पार्टियों के दबाव में आकर आंदोलन कर रहे हैं। और किसानों को मनाने के लिए सरकार तमाम कोशिश कर रही है लेकिन किसान अपने फैसले पर डटे हैं और कृषि बिलों में संशोधन से साफ इनकार कर रहे हैं।

वहीं इस बीच मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दिए गए बयान ने राजनीति गलियारों में हलचल पैदा कर दी है। जिसका वीडियो भी तेजी से वायरल हो रहा है।

कृषि मंत्री का बयान
दरअसल, कमल पटेल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा है कि ‘500 किसान यूनियनें ‘कुकुरमुत्ता’ की तरह सामने आ गई हैं। ये किसान यूनियन नहीं हैं, ये बिचौलियों और देश-विरोधी संगठनों से जुड़े लोग हैं। वे विदेशी ताकतों द्वारा वित्त पोषित हैं जो नहीं चाहते कि देश मजबूत हो।’

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जहां एक और कृषि कानून को लेकर भाजपा प्रदेश में किसान सम्मेलन का आयोजन करने जा रही है जिसके माध्यम से गांव गांव चौपाल लगाकर लोगों को जागरूक करने का काम किया जाएगा। लेकिन कृषि मंत्री के इस विवादित बयान ने प्रदेश में सियासत तेज़ करदी है।