MP: शिवराज सरकार का बड़ा निर्णय, अधिकारियों को सौंपी ये जिम्मेदारी

कुपोषण को जड़ से मिटाने के लिए मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार लगातार प्रयास कर रही है और इसमें आए दिन कई तरह के नवाचार भी किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में अब मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार ने कुपोषित बच्चों के हित में एक बड़ा फैसला लिया है। एक रिपोर्ट की माने तो अब आंगनवाड़ी केंद्र में लगाई गई पोषण वाटिकाओ में उगने वाली सब्जी और फलों को बाजारों में नहीं बेचा जाएगा, बल्कि अब इन्हें धात्री महिला और अति कुपोषित, कुपोषित बच्चों को दिया जाएगा।

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दरअसल मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को राष्ट्रीय पल्स पोलियो अभियान शुरू किया है जिसमें दो बूंद जिंदगी का खुराक जीरो से 5 वर्ष आयु के 1 करोड़ 11 लाख बच्चों को दी जाएगी। वहीं सोमवार को कुपोषित बच्चों के हित में शिवराज सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। मध्य प्रदेश के 6135 आंगनवाड़ी केंद्रों पर पोषण वाटिका लगाई गई है। इसमें विभिन्न किस्मों की सब्जियां और फल उगाए जाते हैं जिसकी मानिटरिंग प्रधानमंत्री कार्यालय कर रहा है।

135 आंगनवाड़ी केंद्रों पर लगाई जा रही पोषण वाटिका

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जिन 135 आंगनवाड़ी केंद्रों पर पोषण वाटिका लगाई जा रही है उनसे निकलने वाली सब्जियां और फल को अब बाजारों में नहीं बेचा जाएगा, बल्कि अति कुपोषित, कुपोषित बच्चों और धात्री महिलाओं को यह फल और सब्जियां दी जाएगी। इसके रखरखाव और निगरानी की जिम्मेदारी जिला कार्यक्रम अधिकारी और परियोजना अधिकारियों को दी है। वहीं इस संबंध में महिला बाल विकास विभाग ने निर्देश जारी किए है।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पूरे देश में आंगनवाड़ी केंद्र में पोषण वाटिका बनाई गई है। जिसमें जिले के अधिकारियों से मार्च तक पहुंचने वाटिका को लेकर प्रगति प्रतिवेदन भी मांगा है। वहीं इसमें शिवराज सरकार के द्वारा निर्देश में बताया गया है कि सब्जियां और फल को प्राथमिकता के आधार पर आंगनवाड़ी केंद्रों के हितग्राहियों और केंद्रों के लिए भोजन तैयार करने वाले स्व सहायता समूह को भी दिए जा सकते हैं। यह व्यवस्था आंगनबाड़ी में दिए जाने वाले नाश्ता और भोजन से अलग होगी।

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