इंदौर में अब बिना पीयूसी सर्टिफिकेट के वाहन चलाने वाले सावधान! अगर सड़क पर चलाएंगे वाहन तो होगी ये कार्रवाई

मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में वायु प्रदूषण रोकने के लिए अब सरकार से लेकर नगर निगम कई तरह के कदम उठा रही है। ऐसे में अब इंदौर शहर में बिना पीयूसी सर्टिफिकेट के वाहन नहीं चला पाएंगे। कलेक्टर मनीष सिंह ने इस मामले को लेकर सोमवार को टीएल मीटिंग में सख्त निर्देश जारी कर दिए है जिसमें उन्होंने साफ तौर पर कह दिया है जिले में वायु प्रदूषण को नियंत्रण करने तथा लोक स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए अब लोडिंग एवं व्यवसायिक वाहनों को पीयूसी सर्टिफिकेट अनिवार्य रूप से लेना जरूरी है। अगर जिन वाहन चालकों के पास में पीयूसी सर्टिफिकेट नहीं मिलेगा उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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सर्टिफिकेट के लिए मांगा 7 दिन का समय

कलेक्टर मनीष सिंह ने साफ कह दिया है कि पीयूसी सर्टिफिकेट की चेकिंग के लिए फ्लाइंग स्क्वायड बनाए जाएंगे ।तहसीलदार, यातायात पुलिस तथा आरटीओ विभाग के अधिकारी इसमें शामिल रहेंगे। प्रशासन ने कदम शहर की वायु शुद्धता के लिए उठाया है ।सर्टिफिकेट के लिए 7 दिन का समय दिया गया है टीम सड़कों पर उतरेगी और कार्यवाही भी करेगी। 7 दिन में सभी व्यवसायिक गाड़ियों को पीयूसी सर्टिफिकेट प्राप्त करना अनिवार्य कर दिया है। पीयूसी सर्टिफिकेट नहीं मिलने पर वाहन का फिटनेस सर्टिफिकेट तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया जाएगा।

कलेक्टर ने पीयूसी सर्टिफिकेट बनाने के लिए निर्देश

इस समय मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में वायु प्रदूषण की समस्या बनी हुई है। इस को कंट्रोल में करने के लिए एक तरफ बायो गैस, सीएनजी के अलावा इलेक्ट्रॉनिक वाहनों को चलाए जाने की कवायद शुरू हो गई है। शहर लगातार इलेक्ट्रॉनिक वाहन चलाने की कवायद में लगा है। कई इलेक्ट्रॉनिक बसें चलाई जा रही है। इसी बीच अब कलेक्टर ने यह साफ कर दिया है जिन लोडिंग और वेबसाइट वाहनों के पीयूसी सर्टिफिकेट नहीं है उन्हें बनवाना अनिवार्य किया गया है।

कलेक्टर मनीष सिंह ने इस बात का खुलासा कर दिया है। अगर अब लोडिंग और व्यवसायिक वाहन बिना पीयूसी सर्टिफिकेट के चलते हुए नजर आएंगे तो चालक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा इन वाहनों के फिटनेस सर्टिफिकेट भी तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिए जाएंगे।

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