मध्यप्रदेश के इंदौर के इकलौते गांव में भीषण जलसंकट, पानी की तलाश में सुबह से केन लेकर निकलते है बच्चे, घंटों लाइन में लगकर करते है इंतजार

मध्यप्रदेश में लगातार गर्मी कहर बरपा की जा रही है। पारा 40 डिग्री के ऊपर पहुंच चुका है, लेकिन जैसे-जैसे गर्मी बढ़ती जा रही है जलस्तर भी नीचे गिरता जा रहा है। मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में भी अब पानी की किल्लत से लोग जूझ रहे हैं। ऐसे में इंदौर का एक ऐसा गांव है जहां 12 महीने ही पानी की समस्या बनी रहती है। लोगों को पानी के लिए 4 से 5 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है तब कहीं जाकर उन्हें पानी मिल पाता है। यह एक गांव नहीं है मध्यप्रदेश में ऐसे कई गांव हैं जहां लोग पानी की समस्या से जूझ रहे हैं।

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दरअसल हम बात कर रहे हैं इंदौर की देपालपुर तहसील के ग्राम नौलाना की। इस गांव में ढाई हजार की आबादी है, लेकिन पीने के पानी की किसी भी तरह की व्यवस्था नहीं है। इस गांव में रहने वाले ग्रामीणों की मानें तो आस पास का ही बोरिंग हो चुके हैं, लेकिन पीने के लिए सिर्फ गंदा और मटमैला पानी ही मिलता है। ग्राम पंचायत के द्वारा भी एक जगह पानी की किसी भी तरह की व्यवस्था नहीं की गई है। बच्चे हो या बुजुर्ग हर किसी को 4 से 5 किलोमीटर दूर केंद्र लेकर जाना पड़ता है और लाइन में लगकर पानी लेकर आना पड़ता है। ग्रामीणों की माने तो गांव से डेढ़ सौ किलो मीटर दूर चंबल नदी गुजरती है लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है।

साइकिल पर धूप में पानी लेकर आते हैं बच्चे

लोगों की पानी की समस्याओं को देखते हुए गांव के उमेश सिंह ने गांव से 1 किलोमीटर दूर अपने खेत में निजी खर्चे से बोरिंग लगवाई है जिसमें सुबह 7:00 बजे से लोग पानी के लिए लाइन लगा देते हैं और उन्हें यहां से पीने के लिए पानी मिल जाता है बच्चे हो या महिला हर किसी को धूप में खड़े होकर घंटों तक पानी के लिए इंतजार करना पड़ता है तब कहीं जाकर उन्हें शुद्ध पानी मिल पाता है। ग्राम नौलाना ऐसा गांव है जहां पानी पीने के लिए किसी भी तरह की व्यवस्था नहीं है। पानी की समस्या को लेकर कई बार सांसद, विधायक, पूर्व विधायक, एसडीएम, जनपद सीईओ को लिखित आवेदन कर चुके हैं, लेकिन इसके बावजूद भी उन्होंने ध्यान नहीं दिया है।

सचिव बोले-गांव में होगी कुएं की खुदाई

वहीं अब ग्राम पंचायत के सचिव जितेंद्र चौहान ने ग्रामीणों की विकट समस्या को देखते हुए बताया कि इस साल पंचायत में निर्मल कुआं निर्माण योजना का प्रस्ताव जनपद में दिया है। उम्मीद है कि कुआं बनने से गांव में पीने पानी की व्यवस्था हो जाएगी ।वहीं इस गांव में जो भी बोरिंग लगे हुए हैं उनसे मटमैला पानी निकल रहा है जो पीने के लिए योग्य नहीं है।

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