शिवराज सरकार ने दी किसानों को बड़ी राहत, अब समितियां नहीं वसूल पायेगी अधिकतम ब्याज, विभाग ने तय की लिमिट

मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार किसानों को राहत देने के लिए कई तरह के काम कर रही है। किसानों से सहकारी समितियों द्वारा मनमाना ब्याज वसूले जाने के मामले सामने आ रहे थे। कई बार किसानों ने इसकी शिकायत शिवराज सरकार से की है। इसके बाद सरकार ने इस पर नकेल कसने के लिए अब किसानों को राहत देने के लिए बड़ी तैयारी की है। सरकार ने इस मामले में बड़ा फैसला लेते हुए अब समितियों के लिए लिमिट तय कर दी है जिसके बाद वहां किसानों से ज्यादा ब्याज नहीं वसूल पाएगा इसका लाभ प्रदेश भर के किसानों को मिलने वाला है।

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सहकारी समितियों के लिए दंड ब्याज की लिमिट तय

दरअसल मध्य प्रदेश में सहकारी समिति द्वारा किसानों से अधिक दंड ब्याज वसूले जाने की शिकायतें आ रही थी। इसके बाद शिवराज सरकार ने इस पर नकेल कसने के आदेश दे दिया है। इसके बाद सहकारिता विभाग ने दंड ब्याज की लिमिट तय कर दी है। सहकारिता विभाग की मानें तो अब सहकारी समितियां अधिकतम ब्याज नहीं वसूल पाएगी। इसके लिए 2% तक सीमा तय कर दी गई है। अभी तक देखा जा रहा था किसानों से 4% तक अधिक दंड ब्याज वसूला जा रहा था।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मध्यप्रदेश के शिवराज सरकार के द्वारा किसानों को राहत देने के लिए रवि और खरीफ की फसलों के लिए ब्याज रहित लोन देती है। सरकार के द्वारा किसानों को प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति के माध्यम से कर्ज देती है जिसमें किसानों के लिए इस कार्य को चुकाने की समय सीमा भी तय कर दी जाती है। इसके अंतर्गत 28 मार्च तक किसानों को खरीफ की फसलों का कर्ज चुकाना होता है। वहीं 15 जून तक रवि की फसल के लिए कर्ज चुकाना तय किया गया है, लेकिन इन समय अवधि के बाद भी अगर कोई किसान सहकारी समिति को ऋण नहीं चुका पाता है तो इन से अधिक दंड ब्याज वसूला जाता है।

किसानों से वसूला जा रहा था इतना ब्याज

अभी तक सहकारी समितियों के द्वारा किसानों से 4% तक की दर से दंड ब्याज वसूला जा रहा था, लेकिन इसकी शिकायतें सहकारिता विभाग को मिल रही थी जिसके बाद सहकारिता विभाग ने इसकी दर 2% तक तय कर दी है। जिसके बाद अब कोई भी सहकारी समिति किसानों से अधिक ब्याज दर नहीं वसूल पाएगी। वहीं इस मामले को लेकर जब सहकारिता के संयुक्त पंजीयक अरविंद सिंह सिंगर से बात की गई तो उन्होंने बताया कि अब विभाग में 2% से अधिक दंड ब्याज नहीं वसूल सकेंगे। वहीं जिला बैंक सहकारी समिति समय पर ऋण का भुगतान नहीं कर पाती तो उसे दो की जगह 1 प्रतिशत दंड ब्याज वार्षिक देना पड़ेगा।

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