शिक्षा पर करोड़ों रुपये खर्च करती है शिवराज सरकार, मध्यप्रदेश में अनपढ़ों की संख्या जानकर उड़ जायेंगे होंश

शिक्षा ही इंसान के जीवन की सबसे बड़ी पूंजी है। इसके बिना इंसान बिल्कुल अधूरा है। आधुनिक दौर में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कई तरह के प्रयास किए जा रहा है। इसके साथ ही करोड़ों रुपए खर्च भी किए जा रहा है, लेकिन इसके बावजूद भी जो आंकड़े सामने आए वहां हैरान करने वाले हैं। यानी की बात करें तो अनपढ़ों की संख्या अधिक है। बीते दिनों राज्यसभा में देश में अनपढ़ लोगों की संख्या के बारे में सवाल किया गया जिसके जवाब में जो आंकड़े सामने आए वहां काफी हैरान करने वाले थे।

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एमपी में दो करोड़ लोग अनपढ़

अगर बात करें एक अकेले मध्य प्रदेश तो बीते दिनों राज्यसभा में सवाल उठाया जाए जिसमें बात करें तो 15 साल से अधिक उम्र के एक करोड़ 74 लाख 24000 से अधिक लोग अनपढ़ है। इनमें पुरुषों की संख्या 60 लाख 41000 है तो वहीं इससे कई गुना ज्यादा महिलाओं की संख्या है।जिसमें 1 करोड़ 2000000 से अधिक महिला जो प्रदेश में अनपढ़ है। वहीं मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार के द्वारा प्रदेश में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ जैसे अभियानों पर फोकस किया जा रहा है लेकिन इसके बावजूद भी इस तरह के आंकड़े हैरान कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री को लिखा अब ये पत्र

मध्यप्रदेश का शिक्षा विभाग लगातार शिक्षा क्षेत्र में बेहतर सुधार के प्रयास कर रहा है, लेकिन इसके बावजूद भी हाल ही स्थिति देखें तो बिल्कुल बद से बदतर होती जा रही है। सरकारी स्कूलों की बात करें तो इसका लगातार स्तर गिरता जा रहा है। आलम यह है बड़ी संख्या में बच्चे स्कूलों को छोड़ रहे हैं और अपने घर बैठ जाते हैं या कुछ ऐसे बच्चे हैं जो प्राइवेट स्कूलों में दाखिला तो ले लेते हैं लेकिन उन्हें कुछ आता नहीं है। इस खुलासे के बाद सामाजिक संगठन सामने आए हैं जबलपुर के नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच ने मुद्दे पर मुख्यमंत्री को एक पत्र भी लिखा है और उन्होंने मांग करते हुए अनपढ़ता को खत्म करने के लिए बेहतर शिक्षा नीति बनाए जाने की बात कहीं है। अब इनके सामने आने से शिक्षा का क्षेत्र सुधर जायेगा।

बहरहाल यह तो एक राज्य की बात है लेकिन देश में 29 राज्य हैं। अब हर राज्य के अगर इसी तरह के हालात है तो भारत में अनपढ़ों की संख्या लगातार बढ़ती जाएगी और ऐसे में देश पिछड़ा चला जाएगा। हालांकि मुख्यमंत्री को इस पर पत्र लिखा गया है इसके बाद अब देखना यह होगा कि इस पर सरकार की तरफ से किस तरह का निर्णय लिया जाता है।

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