मध्यप्रदेश में अजब-गजब मामला, विनीता ने अनीता बनकर जीता चुनाव, शपथ भी ली, जब खुलासा हुआ तो मचा हड़कंप

मध्यप्रदेश में बीते दिनों हुए पंचायत चुनाव में कई तरह के अजब गजब मामले सामने आए हैं। ऐसे में अब एक और अजब गजब मामला राजगढ़ जिले से सामने आया है, जहां पर एक महिला ने अपना नाम बदलकर चुनाव लड़ा है। दरअसल नाम बदलने में किसी भी तरह की आपत्ति नहीं है, लेकिन इस महिला ने विनिता नाम की वजह अनीता बनकर चुनाव लड़ा बल्कि जीत भी दर्ज की है। हालांकि यह मामला ज्यादा दिन नहीं टिक पाया और इस बात की भनक 15 साल से राजस्थान में रह रही अनीता को लग गई। इसमें हैरान करने वाली बात यह है कि जिला निर्वाचन अधिकारी ने उसे जीत का प्रमाण पत्र तक भी सौंप दिया है।

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असली अनिता ने खटखटाया कोर्ट का दरवाजा

दरअसल इस बात की जानकारी लगते ही राजगढ़ में हड़कंप की स्थिति उत्पन्न हो गई ।महिला ने घूंघट की आड़ में सरपंच पद की शपथ भी ले ली है। इसके बाद इसकी सूचना जब असली अनीता को लगी तो इसकी शिकायत राजगढ़ कलेक्टर हर्ष दीक्षित से कर दी, लेकिन जब कलेक्टर ने इस पर ध्यान नहीं दिया तो उन्होंने मध्य प्रदेश हाई कोर्ट इंदौर खंडपीठ का दरवाजा खटखटाया और यहां पर याचिका दायर करवा दी। हाई कोर्ट इस मामले में राज्य चुनाव आयोग और जिला निर्वाचन अधिकारी को नोटिस जारी कर चुका है।

इस हुआ है सारा गड़बड़ घोटाला

मध्य प्रदेश की इंदौर खंडपीठ के समक्ष याचिका दायर की गई जिसमें जिला निर्वाचन अधिकारी को नोटिस जारी करते हुए पूछा गया है कि इस तरह की गड़बड़ी कैसे हुई है। कोर्ट ने चुनाव आयोग और कलेक्टर को 13 सितंबर तक अपना पक्ष रखने का आदेश भी जारी कर दिया ।हाई कोर्ट के एडवोकेट मनीष विजयवर्गीय ने कहा कि राजगढ़ जिले की ग्राम पंचायत बरखेड़ा में सरपंच पद का अनुसूचित जनजाति वर्ग की महिला के लिए आरक्षित था। इस पर भी नेता रोहिल्ला नाम की अन्य पिछड़ा वर्ग महिला ने अनीता नाम की महिला के नाम चुनाव लड़ लिया है। अनीता के वोटर कार्ड पर अपना फोटो चस्पा कर उसने निर्वाचन आयोग के सामने इस बात का शपथ दिया था कि वह अनुसूचित जनजाति वर्ग से है। निर्वाचन अधिकारी ने शपथ पत्र के आधार पर महिला का नामांकन स्वीकार कर लिया था।

कोर्ट ने 13 सितंबर को पक्ष रखने का दिया आदेश

हालांकि चुनाव सामग्री पर भी विनीता ने अपना घूंघट वाला फोटो लगाकर अनीता के नाम का इस्तेमाल किया है। इसके बाद उसने सरपंच पद पर जीत भी हासिल कर ली है हालांकि अब यह मामला मध्य प्रदेश खंडपीठ की इंदौर कोर्ट में पहुंच चुका है। ऐसे में अब इस मामले में कोर्ट ने चुनाव आयोग और कलेक्टर को 13 सितंबर को अपना पक्ष रखने का आदेश भी दिया है। याचिका में विनीता रोहिल्ला को निर्वाचन आयोग के समक्ष झूठा शपथ पत्र पेश करने का आरोप भी लगाया है। हाई कोर्ट एडवोकेट विजवर्गीय के अनुसार महिला ने खुद को शपथ पत्र में अनुसूचित जनजाति वर्ग का बताया था। हालांकि वहां रोहिल्ला समाज की है ।हालांकि अब देखना यह होगा कि इस मामले में कोर्ट किस तरह की सुनवाई करता है।

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