मध्यप्रदेश का अजब-गजब मामला, पहले मृतक मजदूर ने लिया 1 करोड़ का लोन, अब बैंक वालों ने थामा दिया वसूली नोटिस

इस समय मकान गाड़ी या फिर कोई भी बड़ा काम करने के लिए बैंकों से लोन लिया जाता है ।छोटा सा लोन पास करवाने के लिए चप्पल तक घिस जाती है ,लेकिन इसके बावजूद भी कई बार लोन नहीं मिल पाता है, लेकिन मध्य प्रदेश के आगर जिले से एक अनोखा मामला सामने आया है, जहां एक मजदूर के नाम पर एक करोड़ से अधिक का लोन पास कर दिया है। आप सोच रहे होंगे एक मजदूर दिन के सिर्फ 200 से 250 रुपए कमाता है उस मजदूर के नाम पर इतना बड़ा लोन कैसे पास कर दिया गया आइए जानते है।

google news

मृतक के नाम पर पास किया 1 करोड़ का लोन

बैंकों के द्वारा लोन पास करने के लिए उनके पास कुछ जरिया होना जरूरी है। तभी कहीं जाकर लोगों को लोन दिया जाता है। कई बार बैंकों के चक्कर लगा लगाकर चप्पल घिस जाती है, लेकिन इसके बावजूद भी लोन नहीं मिल पाता है, लेकिन आगर जिले के सोयत थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम श्रीपुरा में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है, जहां ट्रैक्टर एजेंसी के शोरूम पर नौकरी करने वाले मजदूर पवन के नाम से 8 ट्रैक्टर, पांच थिएटर समेत दो दर्जन अन्य कृषि यंत्र का लोन बैंक द्वारा पास किया गया।

पिता ने ट्रैक्टर एजेंसी संचालक पर लगाए आरोप

दरअसल जिस ट्रैक्टर शोरूम पर मृतक युवक करीब 7 वर्षों से मजदूरी करता था उसके संचालकों पर ही पूरी धोखाधड़ी करने का आरोप अब मृतक के पिता ने लगाया है। मृतक के पिता एसपी समेत सोयत थाने में एक ट्रैक्टर एजेंसी संचालक के खिलाफ धोखाधड़ी करने का आरोप लगाते हुए आवेदन दिया है। उनका कहना है कि करीब 5 महीने से अधिक चक्कर काट चुके लेकिन अभी तक सुनवाई नहीं हुई है। सोयत पुलिस थाने में आवेदन देते हुए पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं करने पर एसपी व एसडीओपी को भी आवेदन दिया गया है।

पुलिस इस पूरे मामले में जांच पड़ताल में जुटी

इस मामले में अब कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं ।पहला यह कि आखिर मजदूर को एक राष्ट्रीय कृत बैंक द्वारा इतना बड़ा लोन कैसे दे दिया गया। जिस बैंक द्वारा इतना बड़ा लोन दिया गया है वह आगर जिले से अलग राजगढ़ जिले में स्थित है। यानी अगर जिले के निवासी को लोन देना उसके अधिकार क्षेत्र में नहीं था तो फिर लोन कैसे दे दिया गया। सूत्रों के अनुसार युवक को लोन किसी अनुसूचित जाति जनजाति के लिए चलाई जा रही सरकारी योजना के तहत दिया गया था।

google news

पूरा खेल योजनाबद्ध तरीके से सब्सिडी हड़पने के लिए खेला गया था ।पीड़ित पिता के अनुसार कोई जानकारी नहीं है लोन में निकाले गए ट्रैक्टर और मशीनें कहां और किस हालत में है यह भी अभी तक पता नहीं है। सवाल यह है कि आखिर कैसे एक साथ आठ ट्रैक्टरों का किसी एक व्यक्ति के नाम पर फाइनेंस कर दिया गया। फिलहाल पुलिस इस पूरे मामले में जांच पड़ताल में जुटी है।