इंदौर में छात्राओं को पढ़ाया ये पाठ, जानिए आखिर पुलिस ने किससे कहा घर छोड़कर ना जाओ

मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू होने के बाद जहां ना सिर्फ अवैध गतिविधियों पर लगाम कस कर बदमाशों की धरपकड़ की जा रही है,बल्कि शहर में महिला अपराध को नियंत्रित करने के लिए पुलिस लगातार प्रयास कर रही है। इसी कड़ी में इंदौर पुलिस ने एक और नवाचार किया है,जिसका तहत पुलिस ने घर छोड़ के ना जाओं अभियान की शुरुआत की,अभियान के तहत स्कूलों में पहुंचकर पुलिस छात्राओं को समझाने के साथ ही उन्हे मानसिक रुप से मजबूत होने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।

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पुलिस ने स्कूली छात्राओं को समझाइश दी

देश के सबसे स्वच्छ शहर और मां अहिल्या की नगरी इंदौर को अपराध मुक्त में नंबर वन बनाने के लिए पुलिस-प्रशासन प्रतिदिन नित नए नवाचार करने में जुटी है,ताकि शहर में शांति और बदमाशों को जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाया जा सकें। इसी कड़ी में मंगलवार से इंदौर पुलिस ने एक और नवाचार किया है। जिसके तहत घर छोड़ के ना जाओं अभियान के माध्यम से इंदौर पुलिस बालिका सशक्तिकरण का अभिनव प्रयास शुरु किया है।

आत्मबल बढ़ाने के साथ दी कानून की सीख

पुलिस के इस नवाचार को लेकर डीसीपी राजेश कुमार सिंह का कहना है की कई बार नाबालिक बच्चियों को आरोपी गुमराह कर भगा ले जाते है,ऐसे में नाबालिगों के साथ बढ़ती घटनाओं को लेकर पुलिस ने घर छोड़ के ना जाओं अभियान शुरु किया है,ताकि बेटियों को समझाइश देने के साथ-साथ उन्हे मानसिक रुप से मजबूत बनाया जा सकें।

पुलिस अभियान की अभिभावकों ने की तारीफ

अभियान के पहले दिन महिला पुलिस की टीम द्वारकापुरी थाना क्षेत्र के आनंद विद्यालय पहुंचीं,जहां उन्होने छात्राओं के सवालों का जवाब देते हुए उन्हे समझाइश भी दी। इंदौर पुलिस के घर छोड़ के ना जाओं अभियान की स्कूल स्टाफ सहित अभिभावकों ने सराहनीय कदम बताते हुए जमकर तारीफ की।पुलिस के घर छोड़ के ना जाओं अभियान से ना सिर्फ नाबालिगों के साथ बढ़ते अपराधों में कमी आएगी बल्कि छात्राओं एक नया आत्मविश्वास मिलेगा,साथ ही नाबालिग बच्चियों को गुमराह करने वाले आरोपियों के खिलाफ भी अब सख्त कार्रवाई की जा सकेगी।

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