MP: इस जगह है भूल भुलैया वाला शिव मंदिर, खीर खाने से हो जाती है संतान की प्राप्ति, एक बार में नहीं गिन सकते खंबे

भारत को धर्म प्रधान देश कहा जाता है और फिर यहां कई धार्मिक स्थल है जो विश्व भर में विख्यात है। मध्य प्रदेश के उज्जैन में बाबा महाकालेश्वर का मंदिर प्रसिद्ध है तो वहीं रतलाम में एक बहुत ही विश्वनीय मंदिर है, जहां हर दिन भक्तों का तांता लगा रहता है। शिवरात्रि पर यहां पर कई तरह के आयोजन होते है। दुनियाभर में इस अनोखा मंदिर को भूल भुलैया वाले शिव मंदिर के नाम से पहचाना जाता है। इस मंदिर में कई लोग मनोकामना लेकर पहुंचते हैं वही। निसंतान महिला संतान की चाह लेकर पहुंची है तो बाबा भोलेनाथ उनकी मनोकामना पूरी करते हैं। मान्यता है कि यहां खीर का प्रसाद खाने से संतान प्राप्ति की मनोकामना पूर्ण हो जाती है।

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दरअसल इस समय आगामी महाशिवरात्रि पर्व को लेकर शिव मंदिरों में तैयारियां शुरू हो गई है। 1 मार्च को बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में बाबा भोलेनाथ को सजाया जाएगा। इस दिन भोलेनाथ की बारात निकलेगी जो अनोखा नजारा होगा। महाशिवरात्रि से पहले हम मध्य प्रदेश के रतलाम जिले के एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जो बहुत ही विश्वनीय है। दुनियाभर में इस मंदिर को लोग भूल भुलैया के नाम से पहचानते है इस मंदिर में हर मनोकामना पूर्ण हो जाती है।

विरुपाक्ष महादेव जन-जन की आस्था का केंद्र बना हुआ है। श्रावण मास और महाशिवरात्रि के पर्व पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां अपनी मनोकामना लेकर पहुंचते है। रतलाम शहर से करीब 30 किलोमीटर की दूरी पर बिलपांक ग्राम में यह मंदिर बना है। सड़क से करीब 2 किमी अंदर विरुपाक्ष महादेव का प्राचीन मंदिर में सावन मास और महाशिवरात्रि पर देशभर के श्रद्धालु पहुंचते हैं। इस मंदिर में कई लोग अपनी मुरादे लेकर पहुंचें जिनमें निसंतान महिलाओं को बस खीर का प्रसाद ग्रहण करने से संतान की प्राप्ति हो जाती है।

खीर का प्रसाद खाने से होती है संतान की प्राप्ति

मान्यताओं के अनुसार विरुपाक्ष महादेव मंदिर में जो भी भक्त चाहे वह सावन मास हो या फिर महाशिवरात्रि का पर्व यहां अपनी मनोकामना लेकर पहुंचता है उसकी मनोकामना बाबा महादेव पूरी करते हैं। और वह इस मंदिर से खाली हाथ नहीं जाता है। इस मंदिर में महाशिवरात्रि के पर्व पर पांच दिवसीय हवन होता है, लेकिन हवन की आहूतियों के दौरान हवन कुंड के ठीक ऊपर खीर का प्रसाद बांधकर लटकाया जाता है। कहते हैं इस हवन के प्रसाद को जो भी ग्रहण करता है उसे बाबा महाकाल आशीर्वाद देते है। मान्यताओं के अनुसार निसंतान महिला अगर इस प्रसाद को ग्रहण कर लेती है तो उसको संतान की प्राप्ति हो जाती है। वहीं गोद भरने के यहां बच्चों को मिठाइयों से भी तोला जाता है।

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64 खंभों पर टीका मंदिर

दरअसल इस मंदिर को दुनिया भर में भूल भुलैया शिव मंदिर के नाम से पहचाना जाता है। यहां के लोगों की माने तो इस मंदिर में कोई भी व्यक्ति एक बार में इन खंभों की गिनती नहीं कर सकता है। इस मंदिर में करीब 64 खंभों पर नक्काशी देखने लायक है जिसमें 34 खंभों का एक मंडप है और सभी चारों कोनों पर खंभों की गिनती 14—14 बनती है जबकि 8 खंबे अंदर गर्भ गृह में है। ऐसे में कोई भी व्यक्ति एक बार में इन खंभों की गिनती नहीं कर सकता है।

गौरतलब है कि 1 मार्च को देश भर में महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाएगा और इस मंदिर में दूरदराज से कई श्रद्धालु अपनी मनोकामना लेकर पहुंचेंगे कहते हैं कि बाबा महाकाल जो भी इस मंदिर में पूछते हैं उनकी झोली खाली नहीं रहती वही महाशिवरात्रि के पर्व को लेकर अभी से तैयारियां शुरू हो गई है।