मध्यप्रदेश के शिक्षकों को जल्द लगेगा बड़ा झटका, समाप्त हो रही 48 हजार शिक्षकों की सेवा, जानिए वजह

मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार की तरफ से शिक्षकों को बड़ा झटका लगने वाला है। दरअसल अतिथि शिक्षकों की सेवा समाप्ति का आदेश जारी कर दिया गया जिसमें 30 अप्रैल के बाद 48000 अतिथि शिक्षकों की सेवा समाप्त हो जाएगी। इस मामले में डीपीआई कमिश्नर ने प्रदेश के सभी जिला एवं विकास खंड अधिकारियों को दिशा निर्देश दे दिए हैं ।इसके मुताबिक जैसे ही मूल्यांकन का काम खत्म होगा वैसे ही सभी शिक्षकों की सेवा समाप्त कर दी जाएगीं। वहीं अपनी सेवा समाप्ति के आदेश जारी होने के बाद अतिथि शिक्षकों के द्वारा सरकार से कई तरह की मांगे की जा रही है।

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इस दिन समाप्त होगी इन शिक्षकों सेवा

दरअसल कुछ दिनों पहले ही अतिथि शिक्षकों की भर्ती की बात कही गई थी। इसी बीच अब एक और बुरी खबर अतिथि शिक्षकों के लिए आ रही है। बताया जा रहा है कि जल्द ही मध्य प्रदेश के 48000 अतिथि शिक्षकों की सेवा समाप्त हो जाएगी। इस मामले को लेकर लोक शिक्षण संचनालय ने आदेश जारी कर दिया है। कमिश्नर अभय वर्मा का कहना है कि इस मामले को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी और विकास खंड शिक्षा अधिकारियों को दिशा निर्देश जारी कर दिया है।

लोक शिक्षण संचनालय की तरफ से शिक्षकों का सेवा समाप्ति का आदेश 7 अप्रैल को ही जारी हो गया था, लेकिन इस समय विद्यालय में विद्यार्थियों का पठन-पाठन कार्य चल रहा है। इसकी वजह से उन्हें किसी भी तरह से परेशान ना होना पड़े इसके लिए इसके लिए अब आदेश जारी जारी किया गया है। जिनकी 30 अप्रैल के बाद सेवा समाप्त हो जाएगी। वहीं इन शिक्षकों को 2020-21 के शैक्षणिक सत्र में विद्यालय में अतिथि शिक्षकों को आमंत्रित करने के निर्देश दिए गए थे। अतिथि शिक्षकों को अब 30 अप्रैल तक परीक्षा मूल्यांकन के साथ ही परीक्षा फल तैयार करने के सारे काम संपादित कर दिए जाएंगे। वहीं शैक्षणिक सत्र 2021—22 में आमंत्रित किए गए अतिथि शिक्षक की सेवाएं 30 अप्रैल 2022 तक ली जा सकेगी।

अतिथि शिक्षकों ने सीएम ने लगाई गुहार

वहीं लोक शिक्षण संचनालय की तरफ से आदेश जारी करने के बाद अब अतिथि शिक्षकों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से गुहार लगाई है। उनका कहना है कि शिवराज सरकार के वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार की तर्ज पर यह कार्य करना चाहिए। जिसके बाद कम से कम 12 माह का सेवाकाल करते हुए अतिथि शिक्षकों के भविष्य को सुरक्षित करने पर विचार करना चाहिए। अतिथि शिक्षकों ने इस आदेश को जारी किया है उसे वापस निरस्त कर अतिथि शिक्षकों के भविष्य को देखते हुए उनके हित में बड़ा फैसला लेने की मांग की है।

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