खोखले साबित हो रहे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के दावे, शिक्षा की गुणवत्ता तो दूर, मूलभूत जरूरतों को भी तरस रहे सीएम राइज स्कूल

मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार शिक्षा नीति में कई तरह के बदलाव कर रही है। इसके अलावा मध्य प्रदेश के बच्चों को अच्छी शिक्षा मिल सके इसके लिए अब प्राइवेट स्कूलों की तर्ज पर सरकारी सीएम राइज स्कूल खोले गए है। सरकार की तरफ से इन स्कूलों को खोल तो दिया गया लेकिन सरकारी सिस्टम की लापरवाही की वजह से अब इसका खामियाजा स्कूल में आने वाले बच्चों को भुगतना पड़ रहा है। दरअसल इस स्कूलों में ना तो खेल मैदान है ना ही बाउंड्री वॉल और कई स्कूलों के लिए भूमि भी आवंटित नहीं हुई है। सीएम राइज में चयन होने के बाद भी इंदौर संभाग के 28 स्कूल पुराने सिस्टम से ही संचालित हो रहे हैं।

google news

लापरवाही का खामियाजा भुगत रहे सीएम राइज स्कूल

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश भर में 200 से अधिक सीएम राइज स्कूल खुलवाए हैं, लेकिन सरकारी सिस्टम की लापरवाही की वजह से इसका खामियाजा अब स्कूलों में बच्चों को भुगतना पड़ रहा है। यहां पर स्कूलों में ना तो खेल मैदान है ना ही बाउंड्री वाल कई स्कूलों के लिए भूमि भी आवंटित नहीं हुई है। सीएम राइज में चयन होने के बाद भी संभाग के 28 स्कूल अभी पुराने सिस्टम से संचालित किए जा रहे हैं। इन स्कूलों के लिए ना तो नए भवन बने हैं और ना ही तय मापदंडों को पूरा किया जा रहा है। यहां तक कि ना तो शिक्षक व स्टाफ की नियुक्ति हुई है ना ही खेल मैदान उपलब्ध हो पाया है।

स्कूल के लिए इस तरह जारी की गई राशि

इसके अलावा सीएम राइज स्कूल में कई तरह की खामियां देखने को मिली है। यहां पर शुद्ध पानी के लिए वाटर कूलर तक बच्चों को उपलब्ध नहीं करवाया गया है। बदला है तो सिर्फ स्कूल का पुराना बोर्ड ही है। पुराने भवनों पर सीएम राइज लिखे बोर्ड लग गए हैं। कई जगह सुरक्षा गार्ड आ गए हैं। ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि आखिर स्कूलों को 12 से 1500000 रुपए सीएम राइस फंड के नाम से जारी हुए हैं, लेकिन इसके बावजूद भी सीएम की महत्वकांक्षी योजना के उलट नजर आ रही है। 8 करोड़ से अधिक विभाग ने जारी कर दिए हैं।

स्कूल शिक्षण विभाग से सभी स्कूलों के लिए मार्च में 55 लाख अगस्त में 12 से 16 लाख व मई में 3 करोड से अधिक की राशि जारी की गई थी ।इस राशि को स्कूलों में रंग-रंगोन स्टेशनरी फर्नीचर खेल मैदान समेत कई कामों में लगाने के लिए जारी किया गया था, लेकिन अभी तक यहां पर किसी भी तरह का बदलाव नजर नहीं आया है।

google news

शा. मल्हाराश्रम उमावि के दोनों कैंपस की हालत जर्जर

इंदौर के शासकीय मल्हार आश्रम उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के दोनों कैंपस की हालत जर्जर हो गई है। जर्जर भवन कक्षा दो से आठवीं तक के करीब 69 बच्चे पढ़ रहे हैं। पेयजल व शौचालय की स्थिति खराब हो चुकी है। बाउंड्री वॉल से लेकर खेल मैदान को यहां तक कि शुद्ध पानी भी नहीं मिल पा रहा है। अंग्रेजी मीडियम की केजी-1, केजी-2 और कक्षा पहली कक्षा छठी संचालित हो रही है। इसमें 100 से अधिक बच्चे अध्ययन कर रहे हैं। इसके अलावा हिंदी अंग्रेजी दोनों मीडियम की कक्षा 9 से 12वीं तक संचालित है। जिसमें 450 से अधिक विद्यार्थी अध्ययनरत है, लेकिन शिक्षक सिर्फ 30 है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खुद सीएम राइज स्कूलों को लेकर कई तरह के दावे कर चुके हैं, लेकिन अब यहां पर उनके दावे खोखले नजर आ रहे हैं।