इन शहरों के बीच बन रहा देश का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे, मध्यप्रदेश समेत 6 राज्यों के इन शहरों को जोड़ेगा, जानिए खासियत

देश में सड़क निर्माण के क्षेत्र में रोज नए-नए कीर्तिमान स्थापित हो रहे हैं। मोदी सरकार और केंद्रीय सड़क परिवहन नितिन गडकरी के सहयोग से लगातार सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है। देश में सबसे तेजी से हाईवे बनाने का रिकॉर्ड भी बन चुका है। दिल्ली से मुंबई के बीच एक्सप्रेसवे बनाया जा रहा है जो कि दुनिया का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे है। हालांकि दुनिया में कई और भी लंबी सड़कें हैं, लेकिन एक्सप्रेस वे के मामले में यह सबसे लंबा है ।देश की राजधानी नई दिल्ली और आर्थिक राजधानी मुंबई से जोड़ने वाला एक्सप्रेस में 6 राज्यों हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली ,मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र से होकर गुजरेगा।

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6 राज्यों के इन शहरों से निकलेगा एक्सप्रेसवे

बता दें कि दिल्ली और मुंबई के बीच बन रहे एक्सप्रेसवे का काम जोरों से चल रहा है। करीब-करीब यह काम पूरा होने को भी है। यह दुनिया का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे माना जा रहा है। एक्सप्रेस में 6 राज्यों को जोड़ते हुए निकल रहा है। एक्सप्रेसवे दिल्ली फरीदाबाद सोहाना अखंड के गलियारे के साथ-साथ जेवर एयरपोर्ट एवं मुंबई में जवाहरलाल नेहरू पोर्ट को एक साथ संपर्क मार्ग के माध्यम से जुड़ेगा। एक्सप्रेस जयपुर, किशनगढ़, अजमेर, चित्तौड़गढ़, उदयपुर, भोपाल, उज्जैन, इंदौर, अहमदाबाद, बड़ोदरा समेत कई शहरों की कनेक्टिविटी बढ़ेगी। इससे उद्योग धंधे को बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा इस एक्सप्रेस में सफर करने वाले लोगों का सफर भी आसान हो जाएगा।

8 लेन नहीं 12 लेन का एक्सप्रेव बनाने की संभावना

दिल्ली और मुंबई के बीच बन रहे इस एक्सप्रेस-वे को आठ लेन का बनाया जा रहा है। भविष्य में चार लेन बढ़ाकर इसे अब 12 लेन करने की भी संभावना है। 21 मीटर चौड़ाई की मीडियन बनाई जा रही है। ट्रैफिक का दबाव करते ही मीडियम को घटाकर एक्सप्रेसवे को आसानी से चौड़ा कर सकेंगे। एशिया का पहला ऐसा हाईवे है जिसके निर्माण में वन्यजीवों के लिए ग्रीन ओवरपास की सुविधा भी दी जाएगी ।बता दें इसका अभी तक काम 70 फ़ीसदी हो चुका है।

12 घंटे में पूरा होगा इन 2 शहरों का सफर

अगर हम इस एक्सप्रेस वे की खासियत की बात करें तो दिल्ली से मुंबई का सफर 12 घंटे में पूरा हो सकेगा। इन दोनों शहरों के बीच की यात्रा अभी तक 24 घंटे में पूरी होती है। ऐसे में 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से यहां पर गाड़ियां चलेगी ।एक्सप्रेस-वे का निर्माण पूरा होने के बाद फ्यूल की खपत में 32 करोड़ लीटर की कमी भी आएगी ।साथ ही कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में 85 करोड किलोग्राम की कमी देखने को मिलेगी। वहीं इस एक्सप्रेस वे पर चार करोड़ तेल लगाने के बराबर खर्च बचेगा।

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इस एक्सप्रेसवे में इतने रुपए होंगे खर्च

बता दें कि एशिया का पहला और दुनिया का दूसरा एक्सप्रेसवे माना जा रहा है, जहां वन्यजीवों के लिए ओवर पास की सुविधा भी प्रदान की जाएगी ।इस निर्माण में 1200000 टन स्टील का इस्तेमाल होगा जो 50 हावड़ा ब्रिज के बराबर है। इसके अलावा 35 करोड क्यूबिक मीटर मिट्टी और 8000000 टन सीमेंट का इस्तेमाल किया जा रहा है या सीमेंट देश की सालाना उत्पादन क्षमता के दो फिर से के बराबर है। इसके निर्माण पर करीब 100000 करोड रुपए का खर्च आने का अनुमान है।