इंदौर की इस बेटी की आर्थिक स्थिति कमजोर, दूसरों के घरों में बर्तन साफ करने को मजबूर राज्य स्तरीय खिलाड़ी, जानें इनका संघर्ष
दुनिया में किसी के पास टैलेंट की कमी नहीं है और वहां अपने टैलेंट और काबिलियत से बड़ी से बड़ी मुश्किलों का भी सामना कर मंजिल तक पहुंच जाता है। दुनिया में ऐसे कई लोग हैं जिन्होंने काफी संघर्ष के बाद सफलता हासिल की है। वहीं कई ऐसे लोग भी हैं जिनमें प्रतिभा और काबिलियत तो है लेकिन उसे दिखाने के लिए या तो उनकी आर्थिक स्थिति कमजोर है या फिर उन्हें वैसा मंच नहीं मिल पा रहा है। इसी बीच हम आपको मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में रहने वाली प्रीति जरिया की कहानी बताने जा रहे हैं जो एक समय राज्य स्तरीय सॉफ्टबॉल खिलाड़ी रह चुकी है लेकिन आज वहां अपना गुजारा दूसरों के घर में बर्तन साफ कर रही है।
आर्थिक स्थिति की वजह से जूझ रही प्रीति जरिया
दरअसल केंद्र की मोदी सरकार और राज्य की शिवराज सरकार के द्वारा खेलों को बढ़ावा देने के लिए युवाओं के लिए कई तरह की योजनाएं चलाई रहीं है। वहीं कई ऐसी योजना है जो जमीनी स्तर पर भी चल रही है, लेकिन इस योजना का ऐसे बहुत कम लोग हैं जो लाभ ले पा रहे और कई ऐसे लोग हैं जो अपनी आर्थिक स्थिति की वजह से इसका लाभ नहीं ले पा रहे है। ऐसे ही मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में रहने वाली प्रीति जरिया की कहानी है जो एक समय राज्य स्तरीय सॉफ्टबॉल खिलाड़ी रह चुकी है,लेकिन कुमारी प्रीति जरिया की स्थिति यह हो गई कि वह दूसरों के घरों में बर्तन साफ कर अपना जीवन यापन कर रही है, लेकिन वहां चाहती है कि आगे बढ़कर देश के लिए खेलें और एक दिन अपने परिवार के साथ ही देश का नाम भी रोशन करें।
दूसरों के घरों में बर्तन साफ करती है प्रीति
दरअसल इंदौर जिले के आड़ा बाजार में बहुमंजिला इमारत में उनके पिता राजू जरिया चौकीदारी करते हैं। प्रीति जरिया ने शासकीय कस्तूरबा स्कूल से सॉफ्टबॉल खेलना शुरू किया था। इसके बाद उन्होंने राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में भाग लिया और अपनी पढ़ाई के साथ ही दूसरों के घरों में खाना बनाने के साथ ही बर्तन साफ करने का काम करती थी। इसी मेहनत के बलबूते वहां कॉलेज तक पहुंच गई और आज वहां एमबीए की पढ़ाई कर रही है, लेकिन पढ़ाई की फीस नहीं भर पाने की वजह से वहां दूसरों के घरों में बर्तन साफ कर रही है।
सीएम और कलेक्टर से लगाई बैठी है आस
प्रीति का कहना है कि वहां आगे बढ़कर सॉफ्टवेयर की एकेडमी ज्वाइन करना चाहती है, लेकिन उसके परिवार की स्थिति इतनी खराब है कि वहां अपने कॉलेज की फीस भरने में भी असमर्थ है। ऐसे में वहां कैसे इस एकेडमी की फीस भर पाएगी। प्रीति का कहना है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रदेश की भांजी की मदद करते हैं। ऐसे में अब वहां उनसे आस लगाकर बैठी है कि कहीं उनकी मदद भी हो जाए इसके साथ ही उसने कहा कि वहां इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह से मिलकर मदद की गुहार लगाएगी। इनकी मदद से अगर उन्हें एकेडमी ज्वाइन करने का मौका मिल जाएगा तो वहां एक दिन देश का नाम रोशन करेगी।