मध्यप्रदेश में पंचायत चुनाव का रास्ता साफ, सुप्रीम कोर्ट ने 15 दिन के अंदर तिथि घोषित करने के दिए आदेश

मध्यप्रदेश में नगरी और पंचायत चुनाव को लेकर रास्ता साफ हो गया है। कोर्ट में लगाए गए 27% आरक्षण मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने इस मामले में सरकार की रिपोर्ट को अधूरा करार देते हुए 27% ओबीसी आरक्षण बिना ही चुनाव कराए जाने की घोषणा की है। मध्य प्रदेश सरकार को 5 दिन के अंदर पंचायत नगरी चुनाव की अधिसूचना भी जारी करने के आदेश दे दिए है। इसी बीच अब मध्य प्रदेश के राज्य निर्वाचन आयुक्त बसंत प्रताप सिंह का भी बयान सामने आया है। जिसमें उनका कहना है कि सुप्रीम कोर्ट सर्वमान्य है और इनके आदेश का पालन किया जाएगा ।इसमें किसी भी तरह की समस्या ना है इसके लिए 15 दिन काफी है। अधिसूचना भी जारी कर दी जाएगी।

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राज्य निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी परिस्थिति में मध्यप्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग तैयार है और 15 दिन के अंदर ही चुनाव कार्यक्रम की घोषणा भी कर दी जाएगी। यानी कि इससे अनुमान लगाया जा रहा है कि जल्द ही मध्य प्रदेश में चुनाव हो सकते हैं।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 27% ओबीसी आरक्षण का मामला हाईकोर्ट में पहुंचा था, लेकिन इसके बाद इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गई थी जिसमें शिवराज सरकार द्वारा ओबीसी आरक्षण में 35% आरक्षण का दावा किया गया था। हालांकि सरकार की इस रिपोर्ट को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया। वहीं राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देश दिए हैं। अधिसूचना जारी करके ओबीसी आरक्षण के बिना ही चुनाव संपन्न करवाए जाए।

सरकार की रिर्पोट को कोर्ट ने बताया अधूरा

इसके साथ ही कोर्ट में मध्यप्रदेश के राज्य निर्वाचन आयोग को स्थानीय निकाय में ओबीसी के लिए आरक्षित सीटों को फिर से सामान्य श्रेणी में अनुसूचित करने का निर्देश दिया था। वहीं आरक्षण देने से पहले ट्रिपल टेस्ट की कसौटी का पूरा कर लिया जाए। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मध्य प्रदेश द्वारा रिव्यू पिटिशन लगाया जाएगा। हालांकि अब देखना यह होगा कि सरकार के द्वारा रिपीटेशन लगाने के बाद क्या होता है। वहीं अधिवक्ता सेहत जफर ने कहा कि ओबीसी आरक्षण के मामले में मध्य प्रदेश सरकार रिपोर्ट का अधूरा माना गया है। हालांकि अब देखना यह होगा इसमें सरकार अब क्या कदम उठाती है।

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