गेहूं के दामों में आयेगा भारी उछाल, शिवराज सरकार की इन तैयारीयों से किसानों को मिलेगा मोटा लाभ

रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध से मध्य प्रदेश के किसानों को बड़ा लाभ मिला है। दरअसल इस युद्ध की वजह से किसानों के गेहूं महंगे दामों पर खरीदे जा रहे हैं। वहीं मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार के द्वारा गेहूं की आवक बढ़ने के चलते गेहूं को निर्यात शुरू कर दिया है। जिसका फायदा अब मध्य प्रदेश के किसानों को मिल रहा है। जाहिर सी बात है कि गेहूं अधिक मात्रा में निर्यात होने पर गेहूं के भाव में तेजी आएगी। विश्व स्तर पर गेहूं की डिमांड को देखते हुए मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार ने गेहूं निर्यात करने के लिए विशेष कार्य योजना तैयार कर ली है।

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दरअसल मध्यप्रदेश में इस साल गेहूं के भाव किसानों को अच्छे मिल रहे हैं। जिसकी वजह से किसान मंडियों में गेहूं लेकर पहुंच रहे हैं। शिवराज सरकार के द्वारा गेहूं को निर्यात करने की योजना बना ली है। सरकार गेहूं की क्वालिटी के अनुसार इनकी ग्रेडिंग कर निर्यात करने की तैयारी कर ली। वहीं सरकार के पास किसानों से खरीदे गए गेहूं को रखने के लिए शासकीय गोदाम उपलब्ध कराने पर विचार भी किया जा रहा है। इसके साथ ही इस नीति से निर्यात बढ़ेगा इसका सीधा लाभ अब मध्य प्रदेश को किसानों को मिलने वाला है।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हो खोजा जा रहा बाजार

गेहूं को निर्यात करने के लिए मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार के द्वारा सारे इंतजाम कर लिए गए हैं। वहीं अब इनके निर्यात के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बाजार खोजा जा रहा है। मध्य प्रदेश को गेहूं एमपी सीट के नाम से जाना जाता है। वर्तमान में तंजानिया नाइजीरिया अल्जीरिया टर्की अन्य देशों में रह रहे। भारतीय दूतावासों के सहयोग से उन तक पहुंचने का प्रयास किया जा रहा है। इसके साथ ही गेहूं का निर्यात जहाजों के माध्यम से भी किया जाएगा।

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा गेहूं का निर्यात को लेकर दिल्ली में वाणिज्य उद्योग मंत्री पीयूष गोयल एवं निर्यातकों के साथ बैठक कर चुके हैं। जिसमें उन्होंने मध्यप्रदेश के गेहूं को निर्यात बढ़ावा देने पर चर्चा की है। अगर गेहूं ज्यादा से ज्यादा निर्यात होते हैं तो मध्य प्रदेश के किसानों को इसका लाभ मिलने वाला है। बता दें कि मध्य प्रदेश का दूसरा सबसे बड़ा गेहूं उत्पादक राज्य है। यहां पर शरबती गेहूं और अन्य किस्मों के अलग—अलग पहचान से गेहूं उत्पादन किए जाते हैं। प्रतिवर्ष मध्यप्रदेश में 360 मीटिंग टन गेहूं उत्पादन के साथ देश का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है।

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