इस 24 वर्षीय पायलट बेटी ने अपनी जान दांव पर लगा बचाई 800 से ज्यादा भारतीय छात्रों की जान, देश कर रहा गर्व
आज पूरे देश रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे महायुद्ध की शांति को लेकर लगातार प्रयास कर रहे हैं लेकिन रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अभी यूक्रेन पर किसी भी तरह की कोई दया करने के मूड में नजर नहीं आ रहे हैं बता दें कि रूसी सेना यूक्रेन में काफी अंदर तक घुस चुकी है और काफी हद तक यूक्रेन को टेस्ट मैच कर चुकी है। बता दें कि यूक्रेन जो कि काफी खूबसूरत देश हुआ करता था। खास करके अपने एजुकेशन को लेकर आज उसकी स्थिति काफी दयनीय हो गई है।
बता दें कि भारतीय मूल के भी बहुत से छात्र यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई करने के लिए जाते हैं ऐसे में रूस और यूक्रेन के बीच अचानक चालू है महायुद्ध में बहुत से भारतीय छात्र वही फस गए ऐसे में भारतीय सरकार द्वारा लगातार अपने छात्रों को सही सलामत लाने का प्रयास किया गया। अपने मूल के छात्रों को सही सलामत देश लाने के लिए भारतीय सरकार द्वारा कई तरह के ऑपरेशन चलाए गए और बहुत से छात्रों को सही सलामत उनके घर तक पहुंचाया।
वहीं रूस और यूक्रेन महायुद्ध के बीच एक 24 वर्षीय महिला पायलट की जमकर तारीफ हो रही है जो अब तक तकरीबन 800 से ज्यादा भारतीय छात्रों को अपने देश सही सलामत ला चुकी है। बता दें कि इस 24 वर्षीय पायलट का नाम महाश्वेता चक्रवर्ती (Mahasweta Chakraborty) हैं। जो मूल रूप से कोलकाता की रहने वाली है। इंडिया डॉट कॉम ने अनुसार महाश्वेता चक्रवर्ती ने ऑपरेशन गंगा के तहत पोलिश और हंगेरियन सीमाओं में फंसे 800 ज्यादा भारतीय छात्रों को अपने देश ले कर आई है।
भाजपा महिला मोर्चा के ट्वीट के जरिए की तारीफ
बता दें कि 24 वर्षीय देश की बेटी ने जिस तरह से भारतीय छात्रों को बचाने में पूरा सहयोग किया। अपनी खुद की जान दांव पर लगा दी। ऐसे में अब उनकी हर तरफ जमकर तारीफ चल रही है। महाश्वेता चक्रवर्ती ने इस ऑपरेशन के दौरान कुल 6 उड़ानें भरी वही उनके कारनामे के बाद हाल ही में भाजपा महिला मोर्चा के ट्विटर अकाउंट से उनके सहयोग के लिए उनकी जमकर तारीफ की गई है। उनकी तस्वीरों के साथ उनके कार्य के लिए सराहा गया है।
महाश्वेता कोविड-19 के दौरन विदेशों में फंसे लोगों को लाने के लिए भारत सरकार द्वारा वंदे भारत ऑपरेशन चलाया गया था। इस ऑपरेशन का भी वे हिस्सा रह चुकी है। वे बीजेपी नेता और पश्चिम बंगाल महिला मोर्चा की अध्यक्ष तनुजा चक्रवर्ती की बेटी है। जो पिछले 4 सालों से एक प्राइवेट कैरियर के रूप में उड़ान भरने का काम कर रही है। वे हमेशा पायलट बनने का ही ख्वाब देखा करती थी। उन्होंने गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी से स्नातक किया है।
अपने इस पूरे ऑपरेशन के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि वे खुद अपने आप पर बहुत गर्व महसूस करती है कि इस विपरीत परिस्थिति में उन्हें इस काम के लिए चुना गया। महाश्वेता चक्रवर्ती को शुरू से ही पायलट बनने का जुनून था। वे अपने माता पिता की एकलौती बेटी है। आज उनकी हर तरफ काफी चर्चाएं हो रही हैं।