ये है भारत की पहली मेड-इन-इंडिया कार, पीएम से लेकर सीएम तक थे इस लग्जरी ब्रांड के दिवाने, जानें खासियत

आधुनिक दौर में लोगों को ग्लैमर भरी जिंदगी जीने का काफी शौक चढ़ा हुआ है। महंगी गाड़ियों में घूमना होटलों में खाना काफी पसंद करते हैं। पुराने जमाने में कई गाड़ियां चलती थी, लेकिन बदलते दौर में अब यह गाड़ियां विलुप्त हो गई है ।एक समय एंबेसडर भारत में चलती थी जिसे आप पुरानी फिल्मों में देखा करते हैं, लेकिन अब यही कंपनी इसे फिर से नए अवतार में लांच करने वाली है, लेकिन अभी तक आपको भारत की सबसे पहली कार कौन सी थी ।इसके बारे में शायद पता नहीं होगा, लेकिन हम इस आर्टिकल के द्वारा आपको भारत की पहली कार के बारे में बताने जा रहे हैं जिसने देश में काफी धमाल मचाने के साथ ही एक समय लोगों की पसंद हुआ करती थी।

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ये थी भारत की पहली कार

दरअसल बदलते दौर में ऑटोमोबाइल कंपनी भी अपनी कार नए अवतार में लांच कर रही है। ऐसे में ऑटोमोबाइल कंपनी के इतिहास की एक ऐसी कार के बारे में बताएंगे जो काफी हैरान करने वाली है। भारत की पहली कार कौन सी थी अब तक शायद आपके जहन में कुछ नाम आने शुरू हो गए होंगे, लेकिन इससे पहले आप कहीं भटके हम आपको बता दें कि ‘हिंदुस्तान—10’ जो कि देश की पहली कार थी। इसका निर्माण भारत में किया गया था। इस कार के बारे में और क्या कुछ विशेषता है इसके लिए नीचे विस्तार से जानकारी दी गई है।

7 दशकों से कार रही भारतीय जीवन का अंग

इस समय देश की सड़कों पर कई दमदार कारें दौड़ती हुई नजर आएंगी,लेकिन कारें तकरीबन 7 दशकों से अधिक समय से भारतीय जीवन का अभिन्न अंग रही है। ऐसे में देश की पहली कार के बारे में हम आपको बताते हैं। एक समय था जब कारें कम थी और सड़कें खाली थी, लेकिन आज एक समय है जब कार अधिक है और सड़के कम पड़ रही है। जिसकी वजह से आए दिन ट्रैफिक की समस्या से लोगों को जूझना पड़ता है। उन दिनों देश में कारों के मालिक जमशेद जी टाटा जैसे भारती वोटिंग इंडस्ट्री के दिग्गज ही हुआ करते थे। जब इतिहास को थोड़ा खंगाला तो पता चला कि देश के यह वहां शख्स है जिन्होंने देश की पहली कार बनाई थी।

1960 में बनाई गई भारत की पहली कार

1896 में भारत में पहली कार देखने को मिली। जिसे आयात करके भारत लाया गया था। मीडिया रिपोर्ट की मानें तो 1960 में जमशेदजी टाटा ने भारत में पहली कार बनाई थी। ऐसा दौर था जब भारत में कारों को जर्मनी और ब्रिटेन जैसे देशों से इंपोर्ट कर लेकर आए थे। भारत की ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में सबसे पहले कदम रखने वाली कार हिंदुस्तान 10 थी। जो कि ब्रिटेन की एक निवेश और इस टेंस बीच में एम थी। इसे 1949 में हिंदुस्तान मोटर्स लिमिटेड द्वारा गुजरात के पोट ओखा में एक छोटी सी फैसिलिटी में असेंबल किया गया था ।

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इसकी क्षमता काफी अधिक थी। यहां कार 37 बीएचपी की एक पावर जनरेट करती थी। वहीं इस कंपनी ने दावा किया था कि इस कार की स्पीड 100 किलोमीटर प्रति घंटे की थी ।इसका वजन 934 किलोग्राम था लेकिन अब यह कार पूरी तरह से विलुप्त हो चुकी है और पुरानी फिल्मों में ही इन कारों को देखा जा सकता है।