मध्यप्रदेश के इन 2 शहरों में यूएनडीपी लगाएगा इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन, आमजनता को 24 घंटे मिलेगी ये सुविधा, अक्टूबर तक स्थान का चयन

भारत में इस समय इलेक्ट्रॉनिक वाहनों की मांग बढ़ गई है। कई कंपनियों के द्वारा इलेक्ट्रॉनिक वाहन निकाले जा रहे हैं। ऐसे में कुछ समय में इलेक्ट्रॉनिक वाहनों की क्रांति आने वाली है। अब सरकार के सामने इस बात की परेशानी खड़ी हो गई है। आखिरकार इन इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्जिंग कैसे किया जाए। ऐसे में अब यूनाइटेड नेशन डेवलपमेंट प्रोग्राम यूएनडीपी प्रोजेक्ट से मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल और आर्थिक राजधानी इंदौर में इलेक्ट्रिक व्हीकल के लिए 10-10 चार्जिंग स्टेशन लगाए जा रहे हैं। यह चार्जिंग स्टेशन आम जनता की इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज करने के लिए रहेंगे। जिसमें 10 से 15 व्हीकल एक साथ आराम से चार्ज किए जा सकेंगे।

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चार्जिंग स्टेशन लगाने से पहले करेंगे फीजिबिलिटी सर्वे

मध्यप्रदेश में लगातार इलेक्ट्रॉनिक वाहनों की डिमांड बढ़ती जा रही है। सरकार भी इलेक्ट्रॉनिक वाहन खरीदने वालों को सब्सिडी दे रही है। ऐसे में अगर आप भी इलेक्ट्रॉनिक वाहन खरीदते हैं तो सरकार की तरफ से सब्सिडी का लाभ ले सकते हैं। वहीं जिस तरह इलेक्ट्रॉनिक वाहनों की क्रांति आ रही है उसी तरह वाहनों को चार्जिंग करने के लिए चार्जिंग स्टेशन लगाने की तैयारी भी की जा रही है। इसके लिए इंदौर और भोपाल में इलेक्ट्रॉनिक वाहन चार्जिंग स्टेशन लगाए जा रहे हैं। इससे पहले फीजिबिलिटी सर्वे किया जाएगा जिसमें इस बात की जानकारी जुटाई जाएगी कि आखिर इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या किन क्षेत्रों में अधिक है और इसके बाद वाहनों का मूवमेंट किस तरफ अधिक होता है।

निगम पर होगी नियंत्रण और संचालन की जिम्मेदारी

बता दें कि फीजिबिलिटी सर्वे के बाद नगर निगम के सामने भूखंड उपलब्ध कराने का प्रस्ताव भेजा जाएगा। भूखंड उपलब्ध कराने का काम नगर निगम के द्वारा किया जाएगा, जबकि इन स्टेशनों को बनाने और चार्जिंग मशीन लगाने के साथ ही बिजली के कनेक्शन लेने का काम यूएनडीपी के प्रतिनिधि के द्वारा किया जाएगा। मशीनों का संचालन पीपीपी मोड पर किया जाएगा। इस पर पूरा नियंत्रण और संचालन की जिम्मेदारी नगर निगम के ऊपर होगी। वहीं नगर निगम के जरिए अतिरिक्त चार्जिंग स्टेशन भी लगाए जाएंगे ।स्टेशन 24 घंटे चालू रहेंगे जिसमें आम आदमी अपने वाहनों को चार्ज कर सकते हैं। इन चार्जिंग स्टेशनों पर आम जनता को धीमी और तेज गति से चार्ज करने वाली मशीनों की व्यवस्था मिलेगी।

इस तरह कर सकेंगे वाहनों को चार्ज

इलेक्ट्रॉनिक वाहनों को चार्ज करने के लिए जो स्टेशन लगाए जाएंगे ।उनमें प्रीपेड आधार पर वे कालो को चार्ज करने की व्यवस्था रहेगी ।यानी कि लोगों को पहले चार्जिंग के लिए राशि का भुगतान करना पड़ेगा। इसके बाद ही वहां अपने वाहनों को चार्ज कर पाएंगे। भुगतान के लिए स्टैंड एक आधार कोड होगा जिसमें फोन के जरिए यूआरकोड को स्कैन किया जाएगा। वैसे ही एक ऑप्शन आएगा जिसमें पूछा जाएगा कि आप कितने देर तक वाहन चार्जिंग करेंगे। चार्जिंग के लिए शुल्क भी घंटे के हिसाब से लिया जाएगा।

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जानिए मध्यप्रदेश में कितने वाहन है पंजीकृत

अगर हम मध्य प्रदेश की बात करें तो अभी तक 32533 इलेक्ट्रॉनिक वाहन पंजीकृत हो चुके हैं ।अकेले भोपाल की बात करें तो यहां 5235 इंदौर की बात करें तो यहां पर 6088 ग्वालियर में 3956 और जबलपुर में 1891 वाहन पंजीकृत हैं ।इसके अलावा मुरैना में 1977 और उज्जैन में 1504 वाहन पंजीकृत हो चुके हैं। इलेक्ट्रॉनिक बस भी इंदौर में पंजीकृत हैं बड़े शहरों में इलेक्ट्रॉनिक रिक्शा का प्रचलन बढ़ता जा रहा है। ऐसे में मध्य प्रदेश में सबसे अधिक इलेक्ट्रॉनिक रिक्शा है और दूसरे नंबर पर मोपेड भी खरीदे जा रहे हैं।