Street Food: मध्यप्रदेश में मौजूद अनोखे गोलगप्पे वाला, खाने के लिए दिखाना होता है आधार कार्ड! दिलचस्प वजह

Street Food: गोलगप्पे खाना किस को पसंद नहीं है बता दें कि आज आपको कर चौराहों पर गोलगप्पे की कई सारे स्टॉल देखने को मिल जाते हैं। जिन्हें बच्चों से लेकर बड़े बुजुर्गों तक सब खाना काफी ज्यादा पसंद करते हैं। इतना ही नहीं शहर से लेकर गांव तक दूर सभी जगह आपको बड़ी मात्रा में गोलगप्पे के स्टॉल दिखाई देंगे। इतना ही नहीं आजकल तो शादी में भी गोलगप्पे का स्टॉल लगाया जाता है। जिनका ललुत्फ उठाना लोग काफी ज्यादा पसंद करते हैं।

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Gwalior Golgappe Chotelaal Bhagatji

गौरतलब है कि गोलगप्पे खाने के लिए उम्र की कोई सीमा नहीं है। लेकिन आज हम आपके लिए मध्यप्रदेश के एक ऐसे गोलगप्पे वाले को लेकर आए हैं। जहां आपको आपको गोलगप्पे खाने से पहले अपना आधार कार्ड दिखाना पड़ता है। इतना ही नहीं इस अनोखे स्टॉल पर महिला बुजुर्ग और बच्चों को गोलगप्पे नहीं खिलाए जाते हैं। दरअसल, यह अनोखा गोलगप्पे का स्टॉल ग्वालियर में मौजूद है।

जो पिछले 20 सालों से लोगों को लोगो गोलगप्पे खिलाते हुए आ रहे हैं बता दें कि इस अनोखे गोलगप्पे खिलाने वाले व्यक्ति का नाम छोटेलाल बघेल है। जो बताते हैं कि उनके यहां दूर-दूर से लोग गोलगप्पे खाने के लिए आते हैं और यह काम का पिछले 20 सालों से कर रहे हैं इस दौरान उन्हें लोगों का काफी सपोर्ट भी मिला है और प्यार भी इतना ही नहीं उन्होंने अपने स्टॉल पर 7 शब्दों में लिखा है कि यहां पर 18 से 50 साल के लोगों को गोलगप्पे खिलाए जाते हैं।

इतना ही नहीं प्लेट हाथ में लेने से पहले आपको आधार कार्ड भी दिखाना पड़ता है। छोटेलाल बघेल बताते हैं कि उनका मसाला इतना ज्यादा तीखा रहता है कि वह बच्चे और महिलाओं को अपने गोलगप्पे नहीं खिलाते है। लेकिन इसके बावजूद भी लोग दूर-दूर से आकर यहां पर गोलगप्पे खाते हैं।

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