इंदौर में पर्यावरण को बचाने के लिए कचरे का अनूठा उपयोग, घर की छत पर 10 साल से खाद बनाकर उगा रहे सब्जियां

पर्यावरण को हरा भरा बनाने के लिए देशभर में हर साल 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस बार भी विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर देशभर में कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किए गए। वहीं इस मौके पर कई जगह पौधारोपण किया गया। एक पेड़ हमारी जिंदगी पर बहुत ज्यादा असर डालता है और किसी पेड़ से मिलने वाली ऑक्सीजन हमारी जिंदगी को बचा सकता है। हरा भरा पर्यावरण ही हमारी जिंदगी और सेहत पर असर डालता है। कई कार्यक्रम आयोजन कर लोगों को पर्यावरण प्रदूषण से हो रहे नुकसान के प्रति जागरूक किया जाता है। प्रदूषण का बढ़ता स्तर पर्यावरण के साथ इंसानों के लिए भी खतरा बनता जा रहा है। इसीलिए सरकार अब कई तरह के अभियान चलाकर लोगों को पर्यावरण बचाने के लिए जागरूक कर रही है।

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इंसानों जीवन में पेड़ सबसे महत्वपूर्ण

मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार के द्वारा पर्यावरण को बचाने के लिए कई तरह के अभियान चला रही है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा प्रदेश भर में हर दिन एक पौधा लगाने का काम कर रहे हैं। उनका मकसद है कि पर्यावरण को हरा-भरा करने के साथ ही उसे बचाया जा सके, क्योंकि इंसानों की जिंदगी में पेड़ सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है।

पाटीदार परिवार हर साल बनता है 2 टन खाद

आर्थिक राजधानी इंदौर में नगर निगम में स्वच्छता अभियान के तहत कचरे से खाद बनाने का सिलसिला 5 साल पहले शुरू किया। यहां पाटीदार परिवार 10 साल से काम कर रहा है। घर से कभी गीला कचरा नहीं निकालता। साल भर में यह करीब 2 टन खाद बनाते हैं जो लोगों को बांटने की वजाए खुद ही घर में उपयोग करते हैंं यह अपने घर की छत पर सब्जी भी उगाते हैं।

घर की छत पर पैदा कर रहे सब्जियां

दरअसल पर्यावरण दिवस के मौके पर हम आपको एक ऐसे पर्यावरण प्रेमी की बारे में बताने जा रहे हैं। जिन्होंने पर्यावरण को बचाने और उसे हरा-भरा करने के लिए काफी प्रयास किए। विष्णु व मधुबाला पाटीदार जिन्होंने 350 वर्ग फीट की छत पर सबसे पहले सब्जियां उगाना शुरू किया। मौसम के अनुसार साल भर में सब्जियां उगाई जाती है। 6 से 8 तरह की सब्जियां छत पर ही पैदा करते हैं। खाद के लिए 3 फीट भी बना रखे हैं। सब्जियां और गीले कचरे की तीनों के साथ बनाते हैं। उनका कहना है कि आजकल हानिकारक तरीके से सब्जियों को उगाई जाती है जो कि इंसानों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होती है।

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