भोपाल में इस थानेदार ने क्यों रोकी नरेंद्र मोदी की कार, कौन था इसका जिम्मेदार जानिए इसके पीछे का सच

कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह हमेशा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमलावर होते हुए नजर आते हैं इनके बीच अगर संबंध की बात करें तो यह 1990 के दशक से चला आ रहा है। तब से ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऊपर दिग्विजय सिंह हमलावर होते हुए नजर आए है। 1990 के दशक में जब दिग्विजय सिंह मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री थे और पीएम नरेंद्र मोदी बीजेपी के प्रदेश प्रभारी इस दौरान राजधानी भोपाल में एक बार ऐसा हुआ था जिसे पीएम मोदी आज भी नहीं भूल पाए है। प्रधानमंत्री सड़क से गुजर रहे थे इसी बीच दिग्विजय सिंह का काफिला गुजरा ।

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1998 में बीजेपी प्रभारी बने थे नरेंद्र मोदी

दरअसल बात 1998 की जब मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह बने थे। विधानसभा चुनाव से पहले नरेंद्र मोदी को मध्य प्रदेश बीजेपी का प्रभारी नियुक्त किया गया था। नरेंद्र मोदी रायपुर से भोपाल लौट रहे थे जब वह एयरपोर्ट की तरफ जा रहे थे उसी समय भोपाल के हमीदिया अस्पताल के पास चौराहे पर नरेंद्र मोदी की कार को एक पुलिस वाले ने रोक लिया क्योंकि उसी दौरान वहां से मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का काफिला गुजरने वाला था।

इस थानेदार ने रोका मोदी का काफिला

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि नरेंद्र मोदी बीजेपी प्रभारी नियुक्त किए गए थे। वह रायपुर से भोपाल लौटे थे और एयरपोर्ट से बीजेपी कार्यालय जा रहे थे। इसी दौरान ट्रैफिक पुलिस के जवान ने उनकी कार को रोक लिया क्योंकि कुछ देर में वहां से मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का काफिला गुजरने वाला था।

इस दौरान मोदी की कार में उनके साथ दो पत्रकार भी बैठे हुए थे। जब ड्राइवर ने ट्रैफिक पुलिस जवान से कहा की कार में मोदी बैठे हैं लेकिन ड्राइवर पर इसका कोई असर नहीं हुआ और ड्राइवर ने धमकी वाले अंदाज में कहा कि कुछ महीने बाद विधानसभा चुनाव होने वाला है फिर बीजेपी की सरकार बनेगी तब उसे अपने किए के नतीजे भुगतने होंगे, लेकिन इसके बाद भी ट्रैफिक पुलिस जवान तस का मस नहीं हुआ। वहीं दिग्विजय का भी काफिला वहां से नहीं गुजर गया तब तक मोदी को वहां खड़ा रहना पड़ा था।

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मध्यप्रदेश में फेल हुए थे मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हुई इस घटना के बाद उन्हें कई बार नाकामयाबी झेलनी पड़ी थी। दरअसल कुछ महीने बाद विधानसभा चुनाव हुए तो मोदी के रिपोर्ट कार्ड पर पहली बार लाल निशान था इसके बाद मोदी के हर दांव फेल हुए थे और वहां दूसरी बार मुख्यमंत्री बनने से भी रह गए थे। मध्य प्रदेश के पहले गुजरात और हिमाचल प्रदेश में मोदी प्रभारी रहे थे इस दौरान बीजेपी की सरकार बनी थी।