मध्यप्रदेश के टूरिस्टों को मिली बड़ी सौगात, इस जगह बना एक और अभयारण्य, जानिए खासियत

इस समय बारिश का मौसम चल रहा है और ऐसे में पर्यटन क्षेत्रों में घूमने का आनंद अलग ही है। बारिश के मौसम में पर्यटन क्षेत्रों में हरियाली छा गई है। इस मौसम में लोग अपने दोस्त, सगे संबंधियों के साथ ही परिवार के साथ घूमने के लिए जाते हैं। ऐसे पर्यटकों के लिए अब मध्य प्रदेश में एक और नया पर्यटन क्षेत्र खुलने जा रहा है। दरअसल मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार ने प्रसिद्ध पेंच टाइगर रिजर्व के सीमावर्ती वन क्षेत्र को शामिल करते हुए नया कर्माझिरी अभ्यारण बना दिया है। इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी गई है, जहां पर पर्यटन घूम कर प्रकृति का आनंद लेने के साथी शेर चीता और टाइगर को देख सकते हैं।

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1500 हेक्टियर में नया कर्माझिरी अभ्यारण खोला

दरअसल मध्यप्रदेश के शिवपुरी के करेरा अभ्यारण को डिनोटिफाई कर दिया गया है। इस प्रकार एक अभ्यारण नया बनाने के साथ ही 1 अभ्यारण को खत्म भी कर दिया है। इससे मध्य प्रदेश में करीब 24 अभयारण्यों की संख्या हो गई है। नया कर्म झिरी अभ्यारण सिवनी जिले के करीब 1500 हेक्टेयर एक क्षेत्र को शामिल किया गया ।है यह सब बैरण के बनने से टाइगर रिजर्व के प्रबंधन को भी मजबूती मिलेगी ।मध्य प्रदेश के प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्य प्राणी जसवीर सिंह चौहान ने कहा कि इससे शाकाहारी एवं मांसाहारी वन्य प्राणियों को भी अतिरिक्त रहवास स्थल उपलब्ध हो सकेगा।

1981 में इसलिए किया गया था गठन

शिवपुरी जिले के करैरा में बने वन्य प्राणी अभ्यारण को खत्म कर दिया है और अब लंबे समय से जनता के द्वारा नए अभ्यारण की मांग की जा रही थी। आखिरकार अब नया अभ्यारण बना दिया गया है। पुराने अभ्यारण का गठन 1981 में सोन चिड़िया के संरक्षण के लिए किया गया था। इस अभ्यारण में केवल राजस्व निजी भूमि को ही शामिल किया गया था ।अभ्यारण की अधिसूचना जारी होने के बाद से इसमें शामिल भूमि के क्रय विक्रय पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। इससे जनता क्षेत्र की काफी परेशान थी लगातार इस आवेदन को दिनों डिनोटिफाई करने की मांग की जा रही थी।

1952 के बाद क्षेत्र में सोन चिरैया नहीं दिखाई दी। स्थानीय जनता और जनप्रतिनिधियों की मांग पर सरकार ने इस प्रस्ताव भेजकर सहमति मांगी थी। आखिरकार सहमति मिलने के बाद अब नया अभ्यारण बना दिया गया है।

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