इंदौर में मेट्रो एलिवेटेड रहेगी या अंडरग्राउंड यह कौन तय करेगा? व्यवधान को लेकर समीक्षा बैठक में होगा फैसला
मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी और देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर में मेट्रो प्रोजेक्ट का प्रथम चरण तेजी से चल रहा है, लेकिन उससे पहले ही इसमें अड़ंगा डालना भी शुरू हो गए हैं । देश के कई शहरों में मेट्रो प्रोजेक्ट चल रहे हैं और दिल्ली मेट्रो प्रोजेक्ट तो पहले ही सफल साबित हुआ है। लेकिन इंदौर में हर नेता खुद को मेट्रो मैन से कम नहीं समझ रहे हैं जिससे दुकानदार और रहवासी भी शामिल हो गए।
नेता बयान बाजी लगा रहे अड़ंगा
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि दिल्ली मेट्रो प्रोजेक्ट सफल हो गया है, इसलिए धर्म जैसे विशेषज्ञ ने कई सारे फैसले लिए केंद्र सरकार ने पद्मश्री पद्मभूषण से नवाजा और वे देश के पहले मेट्रो मैन भी कहलाए, लेकिन ऐसे में इंदौर में अब मेट्रो एलिवेटेड रहेगा या अंडर ग्राउंड इसका फैसला मेट्रो से जुड़े देश दुनिया के विशेषज्ञ को करना चाहिए, लेकिन इंदौर में बयान बहादुरों की कमी नहीं है और अब इसमें कई तरह के अड़ंगे लगाए जा रहे हैं।
पहले चरण में यहां से निकल रही लाइन
इंदौर भोपाल में मेट्रो प्रोजेक्ट अमल में लाया जा रहा है। करीब 32 किलोमीटर का पहला चरण शुरू हो गया है। एयरपोर्ट से सुपर कॉरिडोर, mr10 होते हुए विजयनगर, रेडिसन चौराहा, रोबोट चौराहे से बंगाली और फिर वहां से पलासिया, एमजी रोड ,रीगल होते हुए बड़ा गणपति और वहां से एयरपोर्ट तक जाना है। इसका अधिकांश हिस्सा एलिवेटेड ही रखा गया है, लेकिन मध्य क्षेत्र खासकर रीगल से लेकर बड़ा गणपति तक अंडरग्राउंड रखने का निर्णय मेट्रो विशेषज्ञों ने लिया है।
इंदौर के कुछ नेताओं को मेट्रो प्रोजेक्ट में भी अपनी राय देने की बीमारी से लग गई है। रोजाना कई तरह के बयान बाजी कर रहे हैं। फला क्षेत्र से मेट्रो नहीं चले या इससे चले इस तरह के कई तरह के बयान बाजी की जा रही है। कई जगह कहा जा रहा है कि यहां से अंडर गाउन या एलिवेटेड लाइन नहीं डाली गई है। तमाम तरह की बातें हो रही है। मेट्रो रेल कार्पोरेशन के एमडी निकुंज श्रीवास्तव भोपाल से इंदौर पहुंचे हैं और दोपहर 12 बजे के बाद वे चल रहे मेट्रो प्रोजेक्ट की साइड विजिट करने के बाद समीक्षा बैठक भी लेंगे।