इसे कहते हैं इंटरनेट की ताकत, ट्विटर से 12वीं के छात्र ने जुटाए डेढ़ लाख, 2 घंटे में बदल दी जोमैटो ब्वॉय की किस्मत, देखें इमोशन स्टोरी

देश में महामारी के समय कई तरह की यादगार कहानियां देखने को मिली। एक और जहां मध्यप्रदेश की संस्कारधानी जबलपुर में रहने वाली एक छात्रा ने कबाड़ से स्ट्रक्चर और मूर्तियां बनाई थी, जिससे उन्हें काफी उपलब्धि मिली थी। इसी तरह महामारी के दौर में कई तरह की इमोशनल कहानियां देखने को मिली है। इसमें कई लोगों की नौकरियां चली गई थी तो कई लोगों को खाने-पीने तक मोहताज होना पड़ा था। ऐसे ही राजस्थान के भीलवाड़ा में रहने वाले दुर्गा शंकर मीणा की कहानी है। जिसे देखने के बाद आप भी इमोशनल हो जाएंगे।

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दुर्गा शंकर मीणा एक प्राइवेट स्कूल में टीचर के रूप में कार्य कर रहे थे, लेकिन अचानक महामारी ने ऐसी दस्तक दी कि उनकी रोजी-रोटी तक छिन गई थी।

ऐसे संघर्ष से गुजरे शंकर मीणा

भीलवाड़ा शहर में दुर्गा शंकर मीणा प्राइवेट स्कूल के बच्चों को पढ़ाया करते थे, लेकिन महामारी की वजह से सारे स्कूल बंद हो गए। इसकी वजह से उन्हें घर में बैठना पड़ा था, लेकिन धीरे-धीरे उनकी आर्थिक स्थिति बिगड़ने लग गई। इसके बाद उन्होंने जोमैटो कंपनी में फूड डिलीवरी ब्वॉय का काम करना शुरू कर दिया। दुर्गा शंकर मीणा साइकिल से दूर-दूर तक डिलीवरी देने के लिए जाते थे। एक वक्त ऐसा भी आ था कि उन्हें सड़क या फिर होटलों में रात बितानी पड़ती थी, लेकिन एक समय ऐसा भी आया कि उनकी किस्मत ने साथ दिया तो उन्हें ट्विटर के जरिए बाइक मिल गई।

2 घंटे में शंकर को ऐसे मिली मदद

दरअसल दुर्गा शंकर मीणा रोजाना की तरह जोमैटो पार्सल देने जा रहा था। इस दौरान उनकी मुलाकात आदित्य शर्मा नाम के कस्टमर से हो गई ।आदित्य ने जब शंकर मीणा के हालातों के बारे में जानना चाहा तो उन्होंने पूरी कहानी उनके आगे गढ़ दी। इसके बाद कस्टमर ने उनकी मदद के लिए ट्विटर से क्राउड फंडिंग कर 2 घंटे की मेहनत के बाद 1 लाख 90000 इकट्ठे कर डिलीवरी ब्वॉय शंकर मीणा को बाइक दिलवा दी। वहीं बाकी पैसों से अब शंकर मीणा अपना कर्जा चुकाने में काम लेगा।

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आदित्य ने कहा कि उनकी उम्र 18 साल है और वहां 12वीं कक्षा में पढ़ते हैं। उन्होंने जोमैटो में ऑर्डर किया तो उनका आर्डर लेकर शंकर मीणा पहुंचा। मैंने उन्हें साइकल पर आते हुए देखा और जब मैंने उनके बारे में जानने की कोशिश की तो उन्होंने अपने हालात बता दिए। इसके बाद मैंने उनकी मदद करने की ठानी और 2 घंटे में डेढ़ लाख रुपए इकट्ठे कर उनकी मदद की है।