केंद्र की मोदी सरकार ने किसानों को दिया झटका, गेहूं निर्यात पर तत्काल प्रभाव से लगाई रोक, ये है बड़ी वजह

रूस और यूक्रेन के बीच हुए युद्ध का फायदा भारत के किसानों को मिला है। केंद्र सरकार द्वारा गेहूं का निर्यात किया गया था। रूस और यूक्रेन के युद्ध के बीच कई देशों में खाद्यान्न संकट उत्पन्न हो गया था जिसके बाद भारती गेहूं की मांग बढ़ गई थी। इसके लिए सरकार के द्वारा किसानों से समर्थन मूल्य पर खरीदे गए गेहूं का निर्यात किया गया था। इस दौरान किसानों को अच्छे दाम भी मिले, लेकिन अब धीरे-धीरे भारत में गेहूं की कमी नजर आने लगी है जिसको देखते हुए केंद्र की मोदी सरकार ने तत्काल प्रभाव से शुक्रवार देर रात गेहूं के निर्यात पर रोक लगा दी है।

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किसानों को झटका व्यापारियों को होगी हानी

जानकारी मिल रही है कि देश में पिछले साल के मुकाबले गेहूं का उत्पादन कम हुआ है ।इसकी वजह से अब इस तरह का फैसला लिया गया है। केंद्र की मोदी सरकार के द्वारा गेहूं के निर्यात पर रोक लगाने के बाद किसानों के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। वहीं दूसरी और व्यापारी और एक्सपोर्ट को भी आर्थिक हानि झेलनी पड़ सकती है। बता दे बढ़ती घरेलू कीमतों को नियंत्रण करने के लिए अब सरकार ने इस तरह का फैसला लिया है। क्योंकि गेहूं की कीमत लगातार बढ़ती जा रही है और गेहूं की कमी भी देखी जा रही है। इसके चलते सरकार ने गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया है।

केंद्रीय वाणिज्य और सचिवों ने लिया ये निर्णय

केंद्रीय वाणिज्य और सचिवों ने की व्याख्या करने के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया था जिसमें अफीम के निर्यात को रोकने पर बड़ा फैसला लिया है। उनका कहना है कि पिछले साल के मुकाबले इस साल गेहूं का उत्पादन कम हुआ है। इस मामले में खाद्य सचिव सुधांशु पांडे का कहना है कि केंद्र सरकार द्वारा लिए गए इस निर्णय की गलत अपेक्षा नहीं की जानी चाहिए। देशभर में लगातार गेहूं की कीमत बढ़ती जा रही है और कमी भी नजर आ रही है जिसके चलते इस तरह का फैसला लिया गया है। गेहूं के निर्यात पर रोक लगाने के लिए काफी विचार किया गया था। वहीं उन्होंने शनिवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा सार्वजनिक वितरण प्रणाली जो देश की खाद्य सुरक्षा प्रणाली की रेट है सुचारु रुप से चलेगी। वहीं गेहूं की उपलब्धता कोई मुद्दा नहीं है लेकिन कीमतें लगातार बढ़ रही है।

वहीं विदेश व्यापार महानिदेशालय ने 13 मई को एक अधिसूचना जारी करते हुए कहा था कि निर्यात शिपमेंट जिनके लिए इस अधिसूचना के तारीख को या उससे पहले परिवर्तनीय पत्र जारी किए गए हैं उन्हें अनुमति दी जाएगी। भारत के गेहूं उत्पादन का अनुमान 1113 मीट्रिक टन से घटकर 1050 मीट्रिक टन कर दिया गया है। वहीं पिछले साल की बात करें तो गेहूं का उत्पादन 1095 मीट्रिक टन था हालांकि जो भी हो इस बार गेहूं के अच्छे दाम किसानों को मिले हैं ।निर्यात होने से किसानों में हर्ष भी नजर आया था लेकिन अचानक अब केंद्र सरकार के द्वारा इस पर रोक लगा दी गई है जिससे किसानों के लिए बड़ा झटका माने जाने के साथ ही व्यापारी और एक्सपोर्ट को भी हानि हो सकती है।

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