Madhya Pradesh News: दुनिया से जाने के बाद भी 5 लोगों को नई जिंदगी दे गया भोपाल का अनमोल, एक साथ बनाए गए 3 ग्रीन कॉरिडोर
Madhya Pradesh News: अंगदान को लेकर लोगों के बीच में काफी ज्यादा जागरूकता देखने को मिलती है। अब तक प्रदेश में कई बार ग्रीन कॉरिडोर बनाए जा चुके हैं। अंगदान को लेकर लगातार सरकार और स्वास्थ्य विभाग द्वारा भी लोगों को जागरूक किया जा रहा है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों की जिंदगी को अंग के माध्यम से बचाया जा सके वैसे मैं अब तक कई मामले सामने आ चुके हैं। जिसमें लोगों द्वारा आगे पढ़कर परिवार के सदस्यों के अंग दान किए जाते हैं ताकि दूसरे लोगों की जिंदगी को बचाया जा सके।
हाल ही में एक ऐसा ही मामला राजधानी भोपाल से सामने आया है। जहां 23 वर्षीय अनमोल जैन का ब्रेन डेड होने के बाद परिवार वालों ने बेटे के अंग दान किए ऐसे में अनमोल ने दुनिया को अलविदा कहते हुए भी 5 लोगों की जिंदगी को सवार दिया और उनके लिए अनमोल हमेशा के लिए अमर हो गए। बता दें कि अनमोल का कुछ दिनों पहले एक्सीडेंट हो गया था जिसके बाद उनकी स्थिति काफी नाजुक बनी हुई थी।
भोपाल में पहली बार बनाए गए तीन ग्रीन कॉरिडोर
— विनीत रिछारिया (@vinnetmonu) November 28, 2022
ब्रेनडेड युवक के अंगदान के लिए बनाए गए ग्रीन कॉरिडोर
युवक के अंगो को अलग जगह पहुंचाने के लिए ग्रीन कॉरिडोर
डॉक्टर्स के ब्रेन डेड घोषित करने के बाद परिजनों का फैसला
सड़क दुर्घटना में अनमोल जैन के सिर पर आई थी गंभीर चोट pic.twitter.com/BdAYWGgwsf
कौन था अनमोल जैन
ऐसे में जैसे ही परिवार वालों को पता चला कि बेटे का ब्रेन डेड हो चुका है तो उन्होंने फौरन ही बेटे के अंगों को दान करने की जानकारी साझा की ऐसे में राजधानी भोपाल में तीन ग्रीन कॉरिडोर बनाए गए। गौरतलब है कि परिवार वालों ने अनमोल के स्कीम, किडनी, दिल, लीवर और आंखों को दान किया है ऐसे में उन्होंने जाते-जाते 5 लोगों की जिंदगी को सवार दिया। मिली जानकारी के अनुसार 17 नवंबर को अनमोल का एक्सीडेंट हो गया था।
आनन-फानन में अनमोल को अस्पताल में भर्ती करवाया गया लेकिन डॉक्टरों की तमाम कोशिशों के बाद भी अनमोल को नहीं बचाया जा सका और जैसे ही डॉक्टरों द्वारा अनमोल के ब्रेन डेड की जानकारी परिवार के साथ साझा की गई तो उन्होंने बेटे जांग दान करने की जानकारी उन्हें दी। बता दें कि अनमोल के परिवार द्वारा जो अंग डोनेट किए गए हैं वह अलग-अलग शहरों में अलग-अलग लोगों तक पहुंचाएं गए। इसके लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया। इससे पहले भी ग्रीन कॉरिडोर बनाया जा चुका है।