भोपाल सेंट्रल जेल में तैनात सुरक्षाकर्मी पर सख्ती, अब इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे मोबाइल, जानिए क्या है वजह

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के सेंट्रल जेल में अहमदाबाद सीरियल बम ब्लास्ट के आरोपी बंद है। इन्हें कोर्ट द्वारा फांसी की सजा सुनाए जाने के बाद जेल के चारों ओर सुरक्षा और कड़ी कर दी गई है। दरअसल बीते दिनों मध्य प्रदेश के गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने पुलिस और जेल अधिकारियों के साथ बैठक की थी जिसमें जेल में कड़ी सुरक्षा बढ़ाने की बात कही गई थी। वहीं शनिवार को कारागार परिसर में सुरक्षा और कड़ी कर दी है। अब जेल के कर्मचारियों को जेल के अंदर और बाहर मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने पर पाबंदी लगा दी गई है। इसके पीछे की बजा है कि कर्मचारी अपनी ड्यूटी मुस्तैदी से कर सके।

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ड्यूटी पर तैनात कर्मचारी के फोन इस्तेमाल पर पाबंदी

आपकी जानकारी के लिए बता दें की राजधानी भोपाल की सेंटर जेल में बंद सिमी आतंकियों को फांसी की सजा सुनाए जाने के बाद सुरक्षा और कड़ी कर दी गई है। अब सेंट्रल जेल में सुरक्षा के लिए करीब 300 कर्मचारी तैनात कर दिए गए। इसके साथ जेल के अंदर ड्यूटी करने वाले कर्मचारियों के फोन का इस्तेमाल करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसके बाद से अब जेल के मुख्य गेट पर गार्ड और स्टाफ के कर्मचारी मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे।

आपकी जानकारी के लिए बता दें की जेल कर्मचारियों के मोबाइल जमा करने के लिए एक लोहे की पेटी रख दी गई है। जिसमें कर्मचारी जैसे ही ड्यूटी पर पहुंचते हैं तो उसमें अपना मोबाइल फोन जमा करेंगे और जैसे ही ड्यूटी खत्म हो जाएगी अपने मोबाइल फोन वापस निकाल सकते हैं । वहीं बीते दिन पहले गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा खुद जेल का जायजा लेने पहुंचे है। इसके बाद उन्होंने जेल की सुरक्षा और कड़ी कर दी है।

गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने दिए अधिकारियों को निर्देश

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भोपाल जेल में बंद अहमदाबाद सीरियल बम ब्लास्ट के आरोपियों की और कड़ी सुरक्षा को लेकर बीते दिनों प्रदेश के गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने पुलिस और जेल विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की थी।इस बैठक में कई विषय पर चर्चा के साथ ही आरोपियों की और सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश दिए गए थे।

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13 साल तक चली थी सुनवाई

26 जुलाई 2008 को अहमदाबाद में बम ब्लास्ट हुआ था यहां 70 मिनट में करीब 21 धमाके हुए थे। जिसमें 56 लोगों की जान गई थी तो वहीं 200 से अधिक लोग घायल हुए थे। इसके बाद इन आरोपियों की करीब 13 साल तक सुनवाई चली। अहमदाबाद सीरियल ब्लास्ट में करीब 78 आरोपियों को पकड़ा गया था। एक आरोपी बाद में सरकारी गवाह बन गया जिसमें 77 आरोपी थे। 6 हजार से ज्यादा सबूत पेश किए गए 6752 पन्नों के फैसले में 49 आरोपियों को दोषी पाया गया था इसमें अब 49 आरोपियों में से 38 को फांसी और 11 को उम्र कैद की सजा मिली है।