स्वच्छता के बाद डिजिटल एड्रेसिंग सिस्टम वाला भारत का पहला शहर बनेगा इंदौर, शहर में सभी पते होंगे डिजिटल, इन लोगों को मिलेगा फायदा

मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी और देश का सबसे स्वच्छ शहर इंदौर स्वच्छता में तो ख्याति प्राप्त कर ही चुका है। देश में 5 बार पंच लगाने के बाद छक्का लगाने की तैयारी में है, लेकिन अब इसी बीच इंदौर शहर वासियों के लिए एक और अच्छी खबर सामने आई है। इंदौर शहर को अब जल्दी ही डिजिटल ऐड्रेसिंग सिस्टम वाला भारत का पहला शहर बनाने की कवायद जारी है। स्मार्ट सिटी कंपनी ने सोमवार यानी 12 सितंबर को महत्वपूर्ण कदम उठाने की बात कहीं है। स्मार्ट सिटी सीए और ऋषभ गुप्ता द्वारा पता नेविगेशन के साथ दोपहर 2ः15 बजे एमओयू साइन किया गया है। स्मार्ट स्वीट इनक्यूबेशन सेंटर सिटी बस ऑफिस कैंपस में यह एमओयू साइन हुआ है।

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इन सेवाओं के लिए इस्तेमाल होगी तकनीक

बता दें कि एमओयू के तहत जितने भी सरकारी विभाग के आपातकालीन सेवाओं के वाहन जैसे फायर, ब्रिगेड, एंबुलेंस, पुलिस इस ऐप का उपयोग करेगी। बैंकिंग जियो टैगिंग के साथ ईकेवाईसी व अन्य सुविधाओं में इसे एड्रेस ऐप का इस्तेमाल करेंगे। वहीं इन सभी विभागों में पता एंट्री गेट होगा। पता ही वेकेशन ऐप में एक पेटेंटेड एडवांस तकनीक विकसित की जाएगी जिसमें डिजिटल ऐड्रेसिंग सिस्टम बनाने के लिए इसरो के साथ भागीदारी करेंगे।

इस छोटे से कोर्ड का करेंगे इस्तेमाल

बता दें कि पता एक छोटा और अनूठा कोड है। कुमार 100 और सिंह 221 या ऐसा ही पसंदीदा कोर्ड रहेगा। जिसकी वजह से जिओ टेकिंग लोकेशन पर पहुंचा जा सकेगा। इस ऐप पर आप पूरा टेक्स्ट एड्रेस प्रॉपर्टी की तस्वीर लैंड मार्क व अन्य चीजें डाल सकते हैं। इसके अलावा डायरेक्शन को रिकॉर्ड भी किया जा सकता है। इससे एड्रेस बताने के लिए बार-बार कॉल करने की समस्या खत्म हो जाएगी और विजिटर आसानी से पता ढूंढ सकता है।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इसका फायदा भविष्य में बहुत ही अधिक होने वाला है ।बस एक छोटा कोट्स पता नेविगेशन के रजत जैन एवं उनकी टीम को उम्मीद है कि इंदौर के लोग अपनी नंबर वन होने का जज्बा कायम रखेंगे और इंदौर नंबर वन डिजिटल एड्रेस सिटी रिवॉल्यूशन का हिस्सा बनेंगे।

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इस ऐप्स के इस्तेमाल से होंगे ये फायदें

बता दें कि यह ऐप पूरी तरह से फ्री रहेगा इसे पार्सल डिलीवरी करने वाली कंपनियां उपयोग कर सही लोकेशन पर पहुंचेगी। ई-कॉमर्स के लिए अंतिम मिल तक भी पहुंच पता द्वारा संभव होगा और ईंधन की कम खपत का फायदा डिलीवरी वालों को भी मिल सकेगा। इसके अलावा इंदौर शहर के प्रदूषण स्तर को कम करने में यह एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।